छपरा से मोतिहारी नई रेल लाइन की लोकसभा में उठी मांग, महाराजगंज सांसद बोले- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोकसभा में छपरा से मोतिहारी तक नई रेल लाइन बिछाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन जो छपरा (लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली) और चंपारण (महात्मा गांधी की कर्मभूमि) को जोड़ेगी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगी। सर्वे पूरा होने के बाद भी काम शुरू नहीं होने से लोगों में निराशा है। इस परियोजना से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, छपरा। बिहार के दो ऐतिहासिक जिलों, सारण (छपरा) और पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, को रेल नेटवर्क से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग अब राष्ट्रीय पटल पर आ गई है।
महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोकसभा में नियम 377 के तहत इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाते हुए छपरा से मोतिहारी तक नई रेल लाइन बिछाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
सांसद सिग्रीवाल ने सदन को बताया कि छपरा, जहां भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली है। वहीं, चंपारण महात्मा गांधी की कर्मभूमि रहा है।
इन दोनों ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सीधी रेल कनेक्टिविटी से जोड़ना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा।
उन्होंने जानकारी दी कि छपरा जंक्शन से जलालपुर, बनियापुर, सहाजितपुर, भगवानपुर, मलमलिया, मोहम्मदपुर मोड़ और डुमरिया घाट होते हुए मोतिहारी रेलवे स्टेशन तक नई रेल लाइन बिछाने की मांग लंबे समय से लंबित है।
सांसद ने पूर्व में भी इस संबंध में रेल मंत्रालय से कई बार अनुरोध किया था, जिसके फलस्वरूप सर्वे कार्य भी संपन्न हो चुका है। हालांकि, इतने समय बीत जाने के बाद भी रेल लाइन का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सिग्रीवाल ने रेल मंत्री से पुरजोर आग्रह किया कि इस नई रेल लाइन के निर्माण के लिए शीघ्र आवश्यक कदम उठाए जाएं। उनका मानना है कि यह परियोजना केवल उनके संसदीय क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की जनता की एक पुरानी और जायज मांग है।
इस रेल लाइन के बन जाने से इन क्षेत्रों के हजारों दैनिक यात्रियों, किसानों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह देखना होगा कि सांसद सिग्रीवाल की इस पहल का रेल मंत्रालय पर क्या जवाब देता है और कब तक इस महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी मिलती है। अगर इस रेल परियोजना को स्वीकृति मिलती है तो छपरा, सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी और बेतिया के करोड़ो नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।
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