Saran News: सरकारी नौकरी वालों के लिए राहत, सारण में अब ऑनलाइन होगा पुलिस वेरिफिकेशन
सारण जिले ने पुलिस वेरिफिकेशन को ऑनलाइन कर बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है। डीएम अमन समीर और एसएसपी डॉ. कुमार आशीष की पहल से एनआईसी द्वारा विकसित ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, छपरा। सरकारी नौकरी में चयन होने के बाद चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन (पुलिस वेरिफेकेशन) के लिए अब जिला कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सारण जिले ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर बिहार का पहला जिला बनने की उपलब्धि हासिल की है।
डीएम अमन समीर व एसएसपी डॉ. कुमार आशीष की पहल पर एनआईसी द्वारा विकसित यह डिजिटल व्यवस्था न केवल समय बचाएगी, बल्कि कागजी प्रक्रिया की देरी और फाइल गुम होने जैसी समस्याओं को भी पूरी तरह समाप्त करेगी।
जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि ई-सत्यापन की इस व्यवस्था की सराहना बिहार के अन्य जिलों द्वारा की गई है, और इसे लागू करने की इच्छा भी व्यक्त की गई है।
15 अगस्त को लॉन्च, अब पूर्ण संचालन में
इस पोर्टल की शुरुआत 15 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी अमन समीर और एसएसपी डॉ. कुमार आशीष ने की थी। लॉन्चिंग के बाद जरूरी परीक्षण, डेटा इंटीग्रेशन और अधिकारियों को प्रशिक्षण के बाद अब यह पोर्टल पूर्ण रूप से संचालन में आ गया है।
पुरानी व्यवस्था में लगते थे छह महीने तक
पहले सत्यापन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन थी। नियुक्ति के बाद फाइल सामान्य शाखा से पुलिस अधीक्षक कार्यालय और फिर संबंधित थाने तक जाती थी। वहां जांच के बाद फिर वही फाइल एसपी कार्यालय और जिलाधिकारी कार्यालय होकर विभाग पहुंचती थी। इस लंबी प्रक्रिया में कई बार कागज गुम हो जाते थे और अभ्यर्थियों को लगातार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे।
कई मामलों में सत्यापन में चार से छह महीने तक का समय भी लग जाता था, जिससे विभागीय प्रक्रिया प्रभावित होती थी और चयनित अभ्यर्थियों पर अनावश्यक दबाव बना रहता था।
डीएम की सख्ती के बाद सक्रिय हुआ सिस्टम
शुरुआती दिनों में सामान्य शाखा को छोड़कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय और थाना स्तर पर पोर्टल संचालन को लेकर उदासीनता दिखी। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने मुख्यालय डीएसपी को पत्र जारी कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके बाद एनआईसी की ओर से सभी संबंधित अधिकारियों और थाना स्तर के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद सभी थानों में पोर्टल संचालन शुरू किया गया है।
अब प्रक्रिया ऐसे होगी पूरी
नई डिजिटल प्रणाली में विभाग द्वारा सत्यापन के लिए भेजा गया अनुरोध सीधे पोर्टल पर किया जाएगा-
- जिलाधिकारी का सामान्य विभाग पोर्टल पर लॉगिन करेगा
- आवेदन की पूरी जानकारी एसपी कार्यालय पहुंचेगी
- एसपी कार्यालय से संबंधित थाना को ऑनलाइन फॉरवर्ड किया जाएगा
- थाना स्तर पर चरित्र एवं अन्य विवरण भरकर पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे
- रिपोर्ट वापस एसपी कार्यालय होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचेगी
- वहां से सत्यापित रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी
- फाइल की प्रगति मिलेगी ऑनलाइन
अभ्यर्थी अब किसी भी स्तर पर यह जान सकेंगे कि उनका सत्यापन किस चरण में है। सामान्य शाखा में या किसी एक जगह जाकर आवेदन की स्थिति की जांच की जा सकती है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सत्यापन प्रक्रिया समयबद्ध होगी।
लाभ-
- अभ्यर्थी और प्रशासन दोनों को राहत
- सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन
- समय की बचत, पारदर्शिता में वृद्धि
- कागज गुम होने की समस्या खत्म
- विभागीय कार्यवाही तेजी से पूरी
- कार्यालय में आवागमन की जरूरत खत्म
- सत्यापन की मॉनिटरिंग आसान
प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम
ई-चरित्र सत्यापन पोर्टल से न केवल युवाओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि जिला प्रशासन में डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत आधार भी मिलेगा। सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन रूप में उपलब्ध कराने की दिशा में यह सारण प्रशासन का एक प्रभावी मॉडल साबित हो सकता है।
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