भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर को मिले भारत रत्न, सांसद रूडी की लोकसभा में मांग
सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में भोजपुरी साहित्यकार भिखारी ठाकुर को भारत रत्न या पद्म सम्मान से सम्मानित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर ने लोकभाषा और रंगमंच के माध्यम से समाज में चेतना फैलाई। रूडी ने सभी दलों से इस पहल का समर्थन करने की अपील की जिससे भोजपुरी भाषा को राष्ट्रीय पहचान मिल सके।

जागरण संवाददाता, छपरा। सारण के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में भोजपुरी भाषा के महान साहित्यकार, गीतकार, नाटककार और समाज सुधारक स्वर्गीय भिखारी ठाकुर को भारत रत्न या उपयुक्त पद्म सम्मान (पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण) से मरणोपरांत सम्मानित करने की मांग की।
इस संदर्भ सांसद श्री रूडी पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख चुके हैं। साथ ही भारत सरकार द्वारा आमंत्रित पद्म सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन भी स्वयं उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत इस मुद्दे को उठाते हुए सांसद रूडी ने कहा कि जैसे अंग्रेजी साहित्य में शेक्सपियर का नाम अमर है, वैसे ही भोजपुरी भाषा में भिखारी ठाकुर का नाम जनमानस में आदर और श्रद्धा से लिया जाता है। बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर दियारा गांव में जन्मे भिखारी ठाकुर ने औपचारिक शिक्षा न होने के बावजूद लोकभाषा, रंगमंच और सामाजिक विषयों को अपना माध्यम बनाकर पिछड़े समाज के बीच चेतना की अलख जगाई।
सांसद ने बताया कि भिखारी ठाकुर के नाटक आज भी गांव-गांव में खेले जाते हैं और भोजपुरी समाज में उनकी लोकप्रियता अद्वितीय है। उन्होंने बेटी बचाओ, सामंतवाद, शराबबंदी, बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई, वह भी उस समय जब समाज में पिछड़े वर्गों को बोलने का अधिकार तक नहीं था।
सांसद रूडी ने सदन के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों से इस पहल को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल भिखारी ठाकुर को होगा, बल्कि भोजपुरी भाषा, पिछड़े समाज और लोकसंस्कृति को भी एक राष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा।
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