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    दहेज के लिए मार दी गयी महिला छह साल बाद मिली जिंदा, 12 लोगों पर दर्ज था हत्या का मुकदमा

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 10:37 AM (IST)

    सारण पुलिस ने 2019 के दहेज हत्या मामले का खुलासा किया जिसमें एक विवाहिता छह साल बाद जीवित मिली। परिवार ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने तकनीकी जांच से उसे पटना के पुनपुन में पाया जहां वह नए पति और तीन बच्चों के साथ रह रही थी। एसपी ने जांच अधिकारी को सम्मानित किया।

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    दहेज हत्या का मुकदमा, छह साल बाद विवाहिता जिंदा मिली

    जागरण संवाददाता, छपरा। सारण पुलिस ने दहेज हत्या से जुड़े एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया। वर्ष 2019 में जिस विवाहिता की हत्या मानकर परिजन न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे थे, वह छह साल बाद जीवित बरामद की गई।

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    यह विवाहिता इस दौरान नई जिंदगी बसा चुकी थी और तीन बच्चों की मां बन गई थी। पुलिस की उत्कृष्ट और धैर्यपूर्ण जांच ने न सिर्फ पीड़ित परिवार को राहत दी, बल्कि न्याय व्यवस्था में भरोसा भी मजबूत किया।

    पिता ने दहेज हत्या का लगाया था आरोप

    भेल्दी थाना क्षेत्र के सिरसाबली गांव निवासी तेरस साह ने 2019 में अपनी पुत्री सोनी कुमारी की दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था।

    उनकी बेटी की शादी रसूलपुर निवासी सोनू कुमार से हुई थी। बेटी के अचानक लापता होने के बाद पिता ने ससुराल पक्ष को जिम्मेदार ठहराया और पति समेत 12 स्वजन के खिलाफ डोरीगंज थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 142/19) दर्ज की गई।

    गायब विवाहिता, स्वजन मान बैठे थे मौत

    शादी के दो साल बाद ही सोनी अचानक गायब हो गई। मायके पक्ष को लगा कि दहेज की लालच में उसकी हत्या कर दी गई है। स्वजन इसी आरोप को लेकर वर्षों तक न्याय की गुहार लगाते रहे। इस बीच पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुसंधान जारी रखा।

    पुनपुन से बरामद, नई जिंदगी में तीन संतान

    अनुसंधानकर्ता एएसआई रविन्द्र कुमार पाल ने तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल डाटा का सहारा लिया। गुप्त सूचना और वैज्ञानिक तरीकों से जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने विवाहिता को पटना जिले के पुनपुन ओपी के केबड़ा से जीवित बरामद कर लिया।

    पूछताछ में उसने बताया कि वह पति का घर छोड़कर रवि राज नामक युवक के साथ रह रही थी। दोनों ने नयाचक थाना क्षेत्र के गौरीचक में घर बनाकर वैवाहिक जीवन शुरू कर लिया और उनके तीन बच्चे भी हैं।

    अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी को सम्मान

    इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करने पर वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने एएसआई रविन्द्र कुमार पाल को 5000 रुपये नगद देकर सम्मानित किया।

    एसपी ने कहा कि यह सफलता निष्पक्ष अनुसंधान और धैर्य का उदाहरण है, जिससे पुलिस की विश्वसनीयता और न्याय व्यवस्था पर आमजन का भरोसा बढ़ा है।