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    शेखपुरा में वोट बहिष्कार के खिलाफ सेविका ने डाला था वोट, ग्रामीणों ने बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजना किया बंद

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 06:59 AM (IST)

    शेखपुरा में एक आंगनबाड़ी सेविका द्वारा वोट बहिष्कार के खिलाफ वोट डालने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। ग्रामीणों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजना बंद कर दिया है, जिससे केंद्र का कामकाज प्रभावित हो रहा है। अधिकारी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि स्थिति सामान्य हो सके और बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।

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    वोट बहिष्कार में हिस्सा नहीं लेने पर बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजना किया बंद। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा। शेखपुरा विधानसभा के अरियरी प्रखंड की हुसैनाबाद ग्राम पंचायत में अनोखा मामला सामने आया है। यहां पंधर गांव है, जहां की सड़क जर्जर हो चुकी थी। लोगों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार किया था।

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    मगर, प्रशासन की पहल पर छह नवंबर को मतदान हुआ, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और सहायिका ने भी मताधिकार का प्रयोग किया था। सेविका के पति एक प्रत्याशी के मतदान अभिकर्ता के रूप में बूथ पर तैनात थे।

    इसी खीझ में लोगों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर भेजना बंद कर दिया है। मतदान के दूसरे दिन से हर रोज सेविका और सहायिका आंगनबाड़ी केंद्र पर सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक बच्चों की प्रतीक्षा करती रहती हैं। हालांकि, अधिकारी इस मामले से अनभिज्ञ हैं।

    बुलावे पर भी नहीं आ रहे बच्चे

    सेविका रंजू देवी और सहायिका सुनीता देवी ने कई दिनों तक घर-घर जाकर लोगों से बच्चों को भेजने की अपील की, लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया। पूछने पर सहायिका ने बताया कि पहले चरण के मतदान के अगले दिन बच्चे आए, लेकिन इसके बाद कोई बच्चा नहीं आ रहा है।

    केंद्र के आसपास के घरों की महिलाओं और पुरुषों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जब अन्य लोग भेजेंगे, तब हमारे बच्चे भी जाएंगे। एक महिला ने कहा कि चुनाव में यहां कोई नेता नहीं आते हैं। नेता हम लोगों का बहिष्कार करते हैं, तब हमने भी कदम उठाया है।

    सिर्फ 17 लोगों ने डाले थे वोट

    प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद पंधर गांव से सिर्फ 17 लोगों ने मतदान किया था। इसमें सेविका और सहायिका के मत भी शामिल हैं। ग्रामीण सुरेश प्रसाद ने बताया कि मतदान के दिन सेविका के पति एक प्रत्याशी के मतदान अभिकर्ता भी थे।

    वोट वाहिष्कार में कुछ लोगों के मतदान किए जाने पर उसी शाम सेविका के पति से विवाद भी हुआ था। इसके बाद से ग्रामीण बच्चों को आंगनबाड़ी नहीं भेज रहे हैं।