बिहार के स्कूलों में लागू होगा नया सिस्टम, ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए बांटे जा रहे टैबलेट
बिहार के स्कूलों में अब एक नई प्रणाली लागू की जाएगी, जिसके तहत छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए विद्यालयों में टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग का उद्देश्य इस नई प्रणाली से शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाना है।

स्कूल के छात्र। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, दारौंदा (सिवान)। सरकारी विद्यालयों मेें अब बच्चों और शिक्षकों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज होगी। शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था लागू करने की शुरुआत कर दी है।
इसके तहत शनिवार तक प्रखंड स्तर पर 90 स्कूलों में टैबलेट वितरित किए गए, शेष वितरण 24, 25 नवंबर तक 144 विद्यालय वितरण पूरा कर लिया जाएगा,जिससे शिक्षकों में उत्साह देखा गया।
बीईओ सौरभ सुमन ने बताया कि प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सभी विद्यालयों के लिए एजेंसी द्वारा टैबलेट की आपूर्ति की जा रही है। टैब में ई-शिक्षाकोष सहित विभाग के सभी जरूरी ऐप पहले से इंस्टाल रहेंगे और इस डिवाइस में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं होगी।
बीईओ ने बताया कि टैबलेट के संचालन के लिए प्रधानाध्यापक, साथ ही तकनीक में रुचि रखने वाले एक शिक्षक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे उपस्थिति दर्ज करने, रिपोर्ट जनरेट करने और ऐप संचालन को आसानी से समझ सकें।
IMEI नंबर से होगी निगरानी
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने पहले ही सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ-एसएसए को पत्र भेजकर निर्देश दिए थे कि टैबलेट की आपूर्ति और वितरण का रिकार्ड हर स्तर पर सुरक्षित रखी जाए।
प्रत्येक विद्यालय को दिए जा रहे टैबलेट के आइएमइआइ नंबर को विद्यालय के नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी या बदलाव की संभावना न रहे।
एजेंसी प्रखंडवार विद्यालयों की संख्या के अनुसार टैबलेट बीआरसी कार्यालय में उपलब्ध करा रही है। बीआरसी स्तर पर भी यह पूरा रिकार्ड सुरक्षित रखा जा रहा है कि किस स्कूल को कितने और कौन-कौन से टैबलेट आवंटित किए गए हैं।
वहीं, आनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू होने से बच्चों की उपस्थिति रीयल-टाइम में निगरानी, ड्रापआउट पर नियंत्रण, शिक्षक उपस्थिति में पारदर्शिता जैसी व्यवस्थाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग का दावा है कि यह व्यवस्था स्कूलों को स्मार्ट व तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगी और शिक्षण व्यवस्था में अनुशासन तथा पारदर्शिता बढ़ाएगी।

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