ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों की होगी बल्ले-बल्ले, सरकार देगी तीन लाख रुपये अनुदान
Dragon Fruit Cultivation किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर चौथे कृषि रोड मैप में विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट को भी शामिल किया गया है। उद्यान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में इसकी खेती चार हेक्टेयर में की जाएगी। इसकी खेती के लिए बनने वाली एक इकाई पर किसानों को लगभग साढ़े सात लाख रुपये का खर्च आता है।

जागरण संवाददाता, सिवान। किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर चौथे कृषि रोड मैप में विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट को भी शामिल किया गया है। ड्रैगन फ्रूट उत्पादन को लेकर जिले की मिट्टी को अनुकूल पाते हुए इसका क्षेत्र विस्तार किया जा रहा है।
जिला उद्यान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में इसकी खेती चार हेक्टेयर में की जाएगी। इसकी खेती के लिए बनने वाली एक इकाई पर किसानों को लगभग साढ़े सात लाख रुपये का खर्च आता है।
ऐसे में 40 फीसदी का अनुदान के हिसाब से सरकार द्वारा तीन किस्तों में किसानों को तीन लाख रुपये दिए जाएंगे।
तीन किस्तों में दिया जाएगा अनुदान
किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती पर तीन किस्तों में अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। अनुदान की पहली किस्त 60 फीसदी यानी एक लाख 80 हजार रुपये प्रति किसान प्रति हेक्टेयर दी जाएगी।
वहीं, दूसरी किस्त अगले वर्ष में कुल अनुदान का 20 प्रतिशत यानी 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर 75 फीसदी पौधों के जीवित अवस्था रहने पर मिलेगा। जबकि अंतिम किस्त यानी शेष 20 फीसदी राशि उसके अगले से 90 फीसदी पौधों के जीविक रहने पर दी जाएगी।
वजन घटाने में करता है काफी मदद
जिला उद्यान केंद्र के सहायक निदेशक विपिन कुमार पोद्दार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट एक उष्ण कटिबंधीय फल है। जिसका मूल दक्षिण व मध्य अमेरिका है। यह गुलाबी या लाल रंग का होता है और इसका अंदरुनी भाग सफेद होता है।
इसका गुदा काफी रसदार व हल्का मीठा होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी, बी, कैल्सियम, फास्फोरस और मैग्निशियम पाए जाते हैं।
यह एंटी आक्सीडेंट का भी काम करता है। फाइबर की मात्रा अत्यधिक होने के बावजूद यह लो कैलोरी फल है, जो वजन घटाने में काफी मददगार साबित होता है। इसकी बाजार में कीमत सौ रुपये से चार सौ रुपये किलोग्राम तक होती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।