कोसी के गांवों में इस जानवर ने मचा रखा है आतंक, रात भर जागकर रखवाली कर रहे लोग
सुपौल के सरायगढ़ में कोसी नदी के किनारे बसे गांवों में सियार का आतंक बढ़ गया है। कटैया सहित कई गांवों में सियार झुंड में घूम रहे हैं और पालतू जानवरों को शिकार बना रहे हैं। ग्रामीणों को रात भर जागकर रखवाली करनी पड़ रही है जिससे उनमें दहशत का माहौल है।

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। कोसी नदी में जलस्तर के लगातार उतार-चढ़ाव के साथ ही नदी के कछार पर बसे गांवों में सियार का आतंक बढ़ गया है।
खासकर कटैया सहित आसपास के कई गांवों में सियार झुंड में घरों के आसपास तक पहुंच रहे हैं और छोटे-छोटे पालतू जानवरों को अपना शिकार बना रहे हैं।
गांव के लोगों का कहना है कि इससे बचने के लिए उन्हें रातभर जागकर मवेशियों की रखवाली करनी पड़ रही है। कटैया गांव के ग्रामीणों ने बताया कि अब तक करीब 80 प्रतिशत घरों की बकरियां सियार का शिकार बन चुकी हैं।
राह चलते अकेले व्यक्ति पर भी हमला करने से सियार पीछे नहीं हटते। अक्सर 8 से 10 की संख्या में ये जानवर एक साथ घूमते हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि महिलाएं भी दिन में खेत-खलिहान जाने से डरने लगी हैं।
स्थानीय मुखिया सरस्वती देवी और पूर्व मुखिया सुरेश प्रसाद सिंह ने भी ग्रामीणों की परेशानी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि गांव के बगल में फैले जंगल में सियारों की संख्या काफी अधिक है। पानी से भरे गड्ढों और जंगल में कम होती खाद्य सामग्री के कारण अब सियार मानव बस्तियों में प्रवेश करने लगे हैं।
अकेला पाकर ये सीधे लोगों पर हमला कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने और सियारों को गांव से दूर रखने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की है।
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