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    रिश्वतखोरों पर निगरानी की करारा प्रहार,  2025 में 89 भ्रष्ट अफसर रंगे हाथ गिरफ्तार, रिश्वत के 30 लाख बरामद

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 03:04 PM (IST)

    निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस साल 31 अक्टूबर तक 89 भ्रष्ट लोक सेवकों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस दौरान 94 मामले दर्ज किए गए और 23 को सजा सुनाई गई। रंगे हाथ रिश्वत लेने के मामलों में 30 लाख से अधिक की राशि जब्त की गई। ब्यूरो ने जनता से रिश्वत मांगने पर शिकायत करने की अपील की है।

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    रिश्वतखोरों पर निगरानी की करारा प्रहार

    अवध किशोर शर्मा, हाजीपुर। बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए राज्य के 89 भ्रष्ट लोक सेवकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस दौरान कुल 94 कांड भी अंकित किए गए। इनमें से 23 को न्यायालय से सजायाफ्ता घोषित कराए गए। 

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    रंगे हाथ रिश्वत लेने से संबंधित कांडों में 30 लाख 43 हजार 300 रुपये की राशि जब्त की गई। यह आंकड़ा विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2025 में अपराध अनुसंधान विभाग की ओर से लगाई गई बिहार अपराध निरोध प्रदर्शनी के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बिहार की प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है।

    2010 से अब तक 983 भ्रष्ट लोक सेवक गिरफ्तार

    आंकड़ों के माध्यम से प्रदर्शनी में बताया गया है कि अन्वेषण ब्यूरो ने वर्ष 2010 से 31 अक्टूबर 2025 तक का आंकड़ा भी प्रदर्शित किया है। इसमें बताया गया है कि उक्त अवधि में रिश्वत लेते रंगे हाथ 983 भ्रष्ट लोक सेवक पकड़े गए। भ्रष्टाचार की कार्रवाई करते हुए कुल 1263 कांड अंकित किए गए। 

    इस दौरान सजायाफ्ता लोक सेवकों की संख्या 197 रही। रंगेहाथ रिश्वत लेने से संबंधित कांडों में जब्त रिश्वत की राशि 03 करोड़ 29 लाख 05 हजार 201 रही। यह भी बताया गया है कि इस दौरान 45 भ्रष्ट लोक सेवकों की अवैध अर्जित संपत्ति जब्त की गई जिसका 32 करोड़ 18 लाख 10 हजार 984 रुपया मूल्य आंका गया है या इतने मूल्य को संपत्ति जब्त की गई है। 

    रिश्वत की मांग का करें शिकायत

    अपनी प्रदर्शनी के माध्यम से ब्यूरो ने आम जनता से यह अपील है कि किसी लोक सेवक के स्तर पर अगर रिश्वत की मांग की जा रही है तो निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के नंबरों पर संपर्क करें। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को जन सहयोग मिले तो वह भ्रष्ट लोकसेवकों को गिरफ्तार करने और उन्हें सजा दिलाने से कदापि नहीं चूकेगी बल्कि उनकी रफ्तार में और तेजी आएगी।

    प्रदर्शनी में नारकोटिक्स विभाग की ओर से एक युद्ध नशे के विरुद्ध

    प्रदर्शनी में नारकोटिक्स विभाग की ओर से एक युद्ध नशे के विरुद्ध लगाई गई है। इसमें नारकोटिक्स ड्रग्स बेचने, खरीदने और तस्करी की सूचना देने की अपील आमजन से की गई है। 

    नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना की जोनल यूनिट पटना की ओर से लगाई गई इस पटना प्रदर्शनी में नारकोटिक्स दवाओं के विभिन्न प्रकार की जानकारी देते हुए बताया गया है कि नारकोटिक्स दवाओं के सेवन का कितना खतरनाक दुष्प्रभाव पड़ता है। 

    चाहे गांजा हो हीरोइन या चरस इत्यादि नशाखोरी एक बुरी लत है। यह नशा करने वाले को और उसके परिवार को एवं समाज को भी बर्बाद कर देती है। युवकों एवं युवतियों के लिए यह बहुत ही खतरनाक है। नशीले पदार्थ की गैर कानूनी तरीके से खेती, उत्पादन, भंडारण, बिक्री, परिवहन या उपयोग दंडनीय अपराध है। इसके लिए

    अधिकतम 20 वर्षों तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही, दो लाख रुपये या इससे अधिक का जुर्माना भी लगेगा। गंभीर मामलों में मृत्युदंड भी दिया जा सकता है।

    इस प्रदर्शनी में बताया गया है कि अफीम-गांजे की अवैध खेती करने पर 10 वर्षों तक की सजा व एक लाख रुपया तक का जुर्माना देना पड़ेगा। कहा गया है कि सभी का कानूनी दायित्व है कि अवैध खेती की सूचना दें नहीं तो कार्रवाई होगी। 

    नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि अवैध अफीम-गांजे इत्यादि की अवैध खेती करने वाले के बारे में जमीन के मालिक और जनप्रतिनिधि भी खबर करें। उनका भी कानूनी दायित्व है कि वे उनके क्षेत्र में हो रहे अवैध खेती की सूचना सक्षम पदाधिकारियों व विभागों को दें अन्यथा वे भी दंड के हकदार होंगे। 

    प्रदर्शनी में एक युद्ध नशे के विरुद्ध में नारकोटिक्स ड्रग्स बेचने, खरीदने, तस्करी की सूचना से जन चेतना जगाने की कोशिश की गई है क्योंकि जनभागीदारी से ही नशा मुक्त बिहार का कल्पना साकार होगा। बताया गया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।

    प्रदर्शनी में दिया नारा जन-जन का नारा नशा मुक्त हो बिहार अपना

    अपराध निरोध प्रदर्शनी में नारा दिया गया है कि जन-जन का एक ही नारा, नशा मुक्त हो बिहार हमारा। मद्य निषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो बिहार पटना की प्रदर्शनी में यह नारा गूंज रहा है। यहां शराब पीने के दुष्परिणाम बताए जा रहे हैं। शराब पीने से लीवर और किडनी खराब होती है एवं कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

    शराब के सेवन से परिवार आर्थिक रूप से बदहाल हो जाता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि शराब से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। 

    प्रदर्शनी में यह भी बताया गया है कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्वभर में 2019 में कुल 26 लाख लोगों की मृत्यु शराब पीने से हुई थी। अगस्त 2025 तक बिहार में 1,194 व्यक्तियों को सजा दिलाई गई। 

    सजायाफ्ता व्यक्तियों के अलावा 18 व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा हुई। इसके अलावा 15 वर्षों के भीतर यानी वर्ष 2010 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच की अवधि में 09 व्यक्तियों को मृत्यु दंड की सजा मिली। वहीं 223 व्यक्तियों को दस वर्ष से अधिक की सजा मिली है।