मुखाग्नि के समय शरीर में हुई हलचल: वैशाली में दो इलाज के बाद डाक्टर ने खड़े किए हाथ
वैशाली जिले के बिदुपुर में एक अद्भुत घटना घटी। 70 वर्षीय रामवृक्ष सिंह, जिन्हें पटना के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, अंतिम संस्कार के समय गंगाजल छिड़कते ही जीवित पाए गए। परिजनों ने पटना के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है। रामवृक्ष सिंह का अस्पताल में इलाज किया गया। दो घंटे बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

वैशाली के बिदुपुर में डाक्टर की निगरानी में चल रहा इलाज। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सूत्र, बिदुपुर (हाजीपुर)।मुखाग्नि देने से पहले जैसे ही गंगाजल छिड़का गया, बुजुर्ग की सांसें चलती महसूस हुई। फिर तो हड़कंप मच गया। जांच की गई तो सच में सांस चल रही थी। आनन-फानन में घाट पर ही डाक्टर को बुलाया गया। वहां पर इलाज शुरू कर दिया गया। इसके बाद अस्पताल ले जाकर उनका उपचार किया गया। हालांकि, करीब दो घंटे बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसने भी यह खबर सुनी वह सन्न रह गया। यह अनोखी घटना वैशाली जिले के बिदुपुर की है।
पानापुर दिलावरपुर के 70 वर्षीय रामवृक्ष सिंह को पटना के अस्पताल में डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। उनके बेटे ने बताया कि रामवृक्ष सिंह को आंत में बीमारी थी। बीमार पड़े तो पहले स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाया, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी। वहां के डाक्टर ने कहा कि पटना में इलाज करवाइए। तब पटना के अगमकुआं के पास एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां इलाज चल रहा था, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था।
पांच दिन तक वे पटना के उस अस्पताल में भर्ती रहे। शनिवार शाम करीब पांच बजे डाक्टर ने उन्हें मृत बता दिया। तब उन्हें लेकर घर चले आए। रातभर उन्हें घर पर ही रखा। करीब 20 घंटे बाद रविवार को अंतिम संस्कार के लिए गंगा नदी के किनारे गोपालपुर घाट लाया गया। वहां चिता पर उन्हें रखा गया। अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। इसी क्रम में गंगाजल छिड़का गया तो उनके शरीर में थोड़ी सी हलचल हुई। यह देखकर सभी चौंक उठे। बेटे ने सीने पर हाथ लगाया तो धड़कनने का अहसास हुआ। तब शरीर पर और गंगाजल छिड़का गया। घड़े से गंगा का ही पानी उनके मुंह में डाला गया तो उन्होंने पी लिया।
दामाद ने कहा-पटना के डाक्टर ने की लापरवाही
इसके बाद तो वहां अफरातफरी मच गई। डाक्टर को सूचना दी गई। घाट पर पहुंचे डाक्टर ने भी जांच की और प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद उन्हें बिदुपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनका इलाज किया गया। दो घंटे के बाद डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद एक बार फिर उनकी अंत्येष्टि की प्रक्रिया में स्वजन लग गए। इस बीच बुजुर्ग के दामाद ने आरोप लगाया है कि पटना में डाक्टर ने बड़ी लापरवाही की है। जिंदा व्यक्ति को मृत बता दिया और डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया। इस तरह की लापरवाही से तो जिंदा व्यक्ति का ही अंतिम संस्कार हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि डाक्टर पर कार्रवाई की जाए।
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