Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:59 AM (IST)
महनार के गोरिगामा पंचायत में राजस्व शिविर लगा। शाहपुर मौजा के रैयतों ने चकबंदी के आधार पर सर्वे की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी नक्शा और खतियान ...और पढ़ें
संवाद सहयोगी, महनार। प्रखंड के गोरिगामा पंचायत में राजस्व शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में शाहपुर मौजा के रैयतों ने चकबंदी आधार पर एवं चकबंदी नक्शा एवं खतियान से सर्वे की मांग की।
राजस्व महाअभियान के तहत महनार प्रखंड के गोरिगामा पंचायत में सोमवार को जमाबंदी सुधार आदि को लेकर विशेष शिविर का आयोजन किया गया।
इस दौरान शाहपुर मौजा के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर अपनी दुविधा और मांग अधिकारियों के समक्ष रखी।
ग्रामीणों ने बताया कि शाहपुर मौजा का चकबंदी संपुष्टि 31 मार्च 1982 को हो चुका है। इसे 26 (क) अधिसूचना संख्या 452 के तहत 07 जून 1990 को अधिसूचित भी किया गया था। चकबंदी नक्शा और खतियान के अनुसार ही सभी रैयत अपनी-अपनी भूमि पर दखल कब्जा किए हुए हैं।
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अधिकांश लोगों ने अपने हिस्से की जमीन पर मकान और सैरात बनाकर जीवन-यापन की व्यवस्था कर रखी है।रैयतों ने कहा कि गांव की सड़कें और भवन भी चकबंदी के अनुसार ही बने हैं। पूर्व में राजस्व कर्मी के स्तर पर चकबंदी आधार पर ही लगान रसीद निर्गत की जाती थी।
इसकी सूचना तत्कालीन डीएम और डीसीएलआर महनार को पत्रांक संख्या 448, दिनांक 30 जून 1918 को दी जा चुकी थी।
ग्रामीणों का कहना है कि अब जब सर्वे महाअभियान चल रहा है तो उनमें भारी दुविधा का माहौल है। शिविर के दौरान ग्रामीणों ने मांग रखी कि जमाबंदी सुधार और सर्वे की पूरी प्रक्रिया चकबंदी नक्शा और खतियान के आधार पर ही की जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से जिस जमीन पर वे दखल कब्जा किए हुए हैं, उसी को मान्य किया जाए और उसी आधार पर लगान रसीद निर्गत हो।
इस मौके पर संजय सिंह, सरोज सिंह, नित्यानंद सिंह, शिबू राय, सुनील कुमार झा, सच्चिदानंद सिंह, शिवनाथ यादव, दिनेश कुमार सिंह, कामेश्वर पासवान, संजय पासवान, अरुण राय, देवचन्द्र झा आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।
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