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    World Crocodile Day 2025: विश्व मगरमच्छ दिवस पर बिहार की गंडक नदी में छोड़े गए 174 घड़ियाल के बच्चे

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 03:30 PM (IST)

    बगहा में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और वन विभाग ने विश्व मगरमच्छ दिवस पर गंडक नदी में 174 घड़ियाल के बच्चों को छोड़ा। वन विभाग के अनुसार गंडक नदी में अब 775 से ज्यादा घड़ियाल हैं। 2013 से गंडक घड़ियाल रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत घड़ियालों का संरक्षण किया जा रहा है जिससे इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है।

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    विश्व मगरमच्छ दिवस पर गंडक में छोड़े गए 174 घड़ियाल के बच्चे

    संवाद सहयोगी, बगहा। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया व वन विभाग के सहयोग मंगलवार को विश्व मगरमच्छ दिवस पर गंडक नदी में 174 घड़ियाल के बच्चों को छोड़ा गया। वन संरक्षक सह निदेशक डॉ. नेशामणि के ने बताया कि इस वर्ष बगहा के धनहा-रतवल पुल के समीप घड़ियाल के अंडों के घोंसले पाए गए थे। जिनमें से 174 बच्चों का प्रजनन कराया गया।

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    उन्होंने बताया कि लुप्त व अतिसंरक्षित प्राणी घड़ियाल के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की पहल रंग ला रही है। जिसका परिणाम है कि वर्ष 2023 में इनके द्वारा गंडक नदी में 125 घड़ियाल के बच्चे छोड़ा गया था। वहीं, 2024 में 160 बच्चों को छोड़ा गया।

    वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, वन विभाग के प्रयास से अब गंडक नदी में सबसे ज्यादा घड़ियाल पाए जा रहे हैं। जिनकी संख्या वर्तमान में 775 से ज्यादा बताई जा रही है।

    यहां बता दें कि नेपाल सीमा से निकलने वाली गंडक नदी विभाग के द्वारा प्रत्येक साल घड़ियाल के बच्चों के छोड़ा जा रहा है। जिससे चंबल नदी के बाद बिहार का दूसरी ऐसी नदी गंडक है, जहां साल दर साल घड़ियालों और मगरमच्छों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

    घड़ियालों का संरक्षण बड़ी चुनौती

    वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट हेड सुब्रत के बहेरा ने बताया कि पूरे विश्व में मगरमच्छ की 23 प्रजातियां पाई जाती हैं। जिसमें भारत में तीन प्रजाति के मगरमच्छ मिलते हैं, जो क्रमशः दलदली मगरमच्छ, खारे पानी का मगरमच्छ और घड़ियाल के नाम से जाने जाते हैं। इनके आवास को नष्ट करना, इनका शिकार करना समेत कई चुनौतियां है। नतीजतन भारत सरकार द्वारा वर्ष 1975 में इनके संरक्षण के लिए मगरमच्छ संरक्षण परियोजना का शुभारंभ किया गया था।

    टीम प्रत्येक वर्ष नदी किनारे बालू के टीलों में घड़ियालों के अंडों को बालू के भीतर छुपाकर सुरक्षित रखती है और इनका हैचिंग कराया जाता है। जब बच्चे जन्म लेते हैं तो मां नदी किनारे तट पर आकर अपने बच्चों को आवाज देती है और बच्चे मां की आवाज सुन किलकारी भरते हुए नदी के भीतर जाते हैं।

    घड़ियालों का संरक्षण और संवर्धन:

    घड़ियाल के इन अंडों के संरक्षण और प्रजनन में लॉस एंजिल्स जू कैलिफोर्निया का भी सहयोग मिलता है। इसकी देखरेख में डब्लूटीआइ व वन एवं पर्यावरण विभाग घड़ियालों के संरक्षण और संवर्धन में जुटा है।

    वन संरक्षक सह निदेशक ने बताया कि वर्ष 2013 से गंडक घड़ियाल रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत घड़ियालों संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। प्रतिवर्ष नदी किनारे बालू में सैकड़ों अंडों का संरक्षण कर उनका प्रजनन कराया जाता है।