Bettiah vidhan sabha Seat 2025: गांव की सड़कें चकाचक, शहर के विकास की राह में कई रुकावटें
Bettiah vidhan sabha Seat 2025 रेणु देवी 2000 के चुनाव में पहली बार बेतिया से विधायक बनीं और उसके बाद से 2015 तक लगातार विधायक रहीं। इस बीच 2015 के चुनाव में कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने पराजित किया। पिछले चुनाव में विधानसभा चुनाव में वह फिर जीत गईं। गांव में विकास के काम हुए हैं। गांव मुख्य सड़क से जुड़ गए हैं लेकिन शहर की सड़कें जर्जर हैं।

सुनील आनंद, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। Bettiah vidhan sabha Seat 2025: चंपारण के गौरवशाली अतीत में बेतिया अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। बेतिया राज की कृतियां यहां हैं। उस बेतिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा की रेणु देवी पांचवीं बार कर रही हैं। वह पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की मंत्री हैं। 16 नवंबर 2020 से नौ अगस्त 2022 तक बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री भी रहीं।
2000 के चुनाव में पहली बार बेतिया से विधायक बनी थीं। 2015 तक लगातार विधायक रहीं। 2015 के चुनाव में कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने इन्हें पराजित किया। फिर 2020 के चुनाव में जीतीं। विकास की बात करें तो गांवों को तो मुख्य सड़क से जोड़ दिया गया है, परंतु शहर की सड़कें नगर निगम से राजनीतिक मतभेद की वजह से जर्जर व खस्ताहाल हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि करीब पांच हजार आबादी वाली गुदरा पंचायत के गांवों में पहुंचने के लिए पूर्वी चंपारण के सुगौली से होकर जाना पड़ता है। करीब 30 किमी का फेरा लगाने के बाद वहां के लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौलिया आते हैं, जबकि सिकरहना नदी के डुमरी घाट पर वर्षों से लोग पुल निर्माण का मांग कर रहे हैं। इससे राह आसान हो जाती।
चार वर्ष पूर्व हुई थी कोहड़ा नदी की सफाई
बीते विधानसभा चुनाव में मझौलिया प्रखंड में बखरिया के बेलघाटी 62 आरडी पुल का जीर्णोद्धार कराने का वादा किया गया था। कोहड़ा नदी के साइफन में जलकुंभी के कारण जलजमाव रहता है। बरसात में बेतिया शहर का पानी भी इसी पुल के साइफन से निकलता है।
प्रखंड की पांच पंचायतों की करीब दो हजार एकड़ भूमि जलमग्न हो जाती है। इस कारण खेती में मुश्किल होती है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस पुल का जीर्णोद्धार कराने का वादा किया था। मंत्री के प्रयास से चार वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को लेकर पहुंचे थे। नदी की सफाई हुई तो कुछ राहत थी, लेकिन फिर जलकुंभी से भर गई है।
खतरे में बेतिया की लाइफलाइन चंद्रावत
शहर की लाइफलाइन चंद्रावत नदी अतिक्रमण और गंदगी के चलते दम तोड़ रही है। इसमें कचरा डाला जाता है। नदी किनारे घर बना लिए गए हैं। संतघाट से पत्थरीघाट तक यह नाला बनी हुई है। शहर की जलनिकासी का यह बड़ा मार्ग है। शहर के प्राय: सभी नालों को चंद्रावत में मिलाकर शहर को जलजमाव से मुक्त किया जा सकता है। इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ।
नगर के ऐतिहासिक महाराजा स्टेडियम की तकदीर नहीं बदली, हालांकि बीते 23 दिसंबर 2024 को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके पुनर्निर्माण और विस्तार की घोषणा की थी। इसके लिए 53 करोड़ 99 लाख आठ हजार रुपये की मंजूरी भी मिल चुकी है।
महारानी जानकी कुंअर सदर अस्पताल का नाम बदल गवर्नमेंट मेडिकल कालेज व अस्पताल करने से लोगों में नाराजगी है। बेतिया राज की भूमि पर ही मेडिकल कालेज है। सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है। भूमि से संबंधित सर्वाधिक विवाद भी यहां है।
जब भी मंत्री जनता से संवाद करती हैं तो इसके सर्वाधिक मामले आते हैं। क्षेत्र में सबसे अधिक काम गांव की सड़कों पर हुआ है। प्रमुख गांवों तक पक्की सड़क बनने से कनेक्टिविटी बढ़ी है। गांवों में बाजारीकरण का दौर भी आया है। यह सड़क निर्माण से ही संभव हो पाया है। मझौलिया के लोगों को एक्सप्रेस व लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए बेतिया आना पड़ता है।
ये काम हुए
- 54 करोड़ से महाराजा स्टेडियम के जीर्णोद्धार की स्वीकृति।
- 148.49 करोड़ से विद्युत ग्रिड का निर्माण।
- 09 करोड़ से पशुपालन विभाग के भवन का निर्माण शुरू।
- 53 करोड़ से बेतिया में जलापूर्ति योजना की स्वीकृति।
- 1.5 एकड़ भूमि में मझौलिया में बना एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेंटर।
- 73.16 करोड़ से बरवत सेना से जीएमसीएच तक फोरलेन सड़क की स्वीकृति।
- 19.32 करोड़ से बेतिया शहर में बाईपास सड़क निर्माण के भूअर्जन की प्रक्रिया आरंभ।
- 8.30 करोड़ से बेतिया की दर्जनभर सड़कों के नवनिर्माण की प्रक्रिया शुरू।
- 2021 में कोहड़ा नदी की हुई सफाई।
- 15 करोड़ से अमवा मन झील बना वाटर स्पोर्ट्स पार्क।
क्षेत्र की समस्याएं
- बेतिया शहर की प्राय: सभी सड़कें रह गईं जर्जर।
- बखरिया के बेलघाटी 62 आरडी पुल का नहीं हुआ जीर्णोद्धार।
- मेडिकल कालेज की नहीं हो सकी सड़क कनेक्टिविटी।
- अमृत भारत योजना फेज वन की जलापूर्ति फेल।
- चंद्रावत नदी की सफाई और अतिक्रमण नहीं हटा।
- मझौलिया स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं हुआ।
- सिकरहना नदी के डुमरी घाट पर नहीं बना पुल।
लोग बोले
बेतिया का काफी विकास हुआ है। गांवों की सड़कें तो चकाचक हो गई हैं, परंतु शहर की सड़क जर्जर है। इसलिए लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। शहर की सड़कों के नवनिर्माण की दिशा में पहल करने की दरकार है।
विकास कुमार, शिवपुर कालोनी बेतिया
बखरिया के बेलघाटी 62 आरडी पुल का जीर्णोद्धार नहीं होने से किसानों को परेशानी है। इसके जीर्णोद्धार का वादा विधायक ने किया था। मझौलिया के लोगों को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए बेतिया जाना पड़ता है। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है।
कुंदन कुमार यादव,जौकटिया
मंत्री क्षेत्र के विकास के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी इनका सहयोग रहता है। हाल में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग में इन्होंने काफी सराहनीय कार्य किया है। अफसोस की शहर की सड़कें अभी जर्जर एवं खस्ताहाल हैं।
नीरज गुप्ता, बेतिया
मंत्री के प्रयास से मत्स्य पालन को जिले में बढ़ावा मिला है। पहले मछली बीज के लिए बाहर जाना पड़ता था। अब यहां मछली बीज की उपलब्धता है। मछली फीड का प्लांट भी लग रहा है। छोटे मछुआरों को मछली स्टोर ट्रे मिलने से सुविधा है।
असीम चौधरी, मंत्री, मत्स्यजीवी समिति
विधायक जनता की उम्मीद पर फेल
जनता की उम्मीदों पर विधायक पूरी तरह से फेल रही हैं। विकास का सिर्फ ढिंढोरा पीटती हैं। जबकि वे सरकार में मंत्री और उप मुख्यमंत्री भी रही हैं। इस पावर का इस्तेमाल कर वे क्षेत्र का कायाकल्प कर सकती थीं। उनके कार्यकाल में दबंगई बढ़ी है। सिकरहना नदी पर पुल नहीं होने के कारण पूर्वी चंपारण के सुगौली होकर लोगों को आवाजाही करनी पड़ती है। शहर की सड़कें विकास की गवाही दे रही हैं। प्राय: सभी सड़कों में गड्ढे की भरमार है। बरसात में पूरा शहर जलमग्न हो जाता है। चंद्रावत नदी के अतिक्रमण के कारण ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र में कहीं विकास नहीं दिख रहा है। जनता सब देख और समझ रही है।
मदन मोहन तिवारी, पूर्व विधायक, बेतिया
वादे से अधिक धरातल पर किया काम
क्षेत्र के प्राय: सभी गांवों को पक्की सड़क से जोड़ दिया गया है। मझौलिया में मनरेगा हाट बन रहा है। जो वादे किए थे, उससे कहीं अधिक काम धरातल पर उतारने में सफल रही हूं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पुल-पुलिया आदि का निर्माण हुआ है। सभी पंचायतों में आरोग्य मंदिर क्रियाशील है। शहर की कमलनाथ नगर वाली सड़क का जीर्णोद्धार होने जा रहा है। कालीबाग से मनुआपुल सड़क का टेंडर हो चुका है। बानूछापर, जो बरसात में डूब जाता था, वहां डबल लेन सड़क और नाले का निर्माण हुआ है। स्वच्छ पेयजल के लिए अमृत फेज दो में 53 करोड़ की राशि स्वीकृत है। शीघ्र ही शहर के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलने लगेगा। अन्य कई परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
रेणु देवी, मंत्री सह बेतिया विधायक
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