West Champaran: आंखों में संक्रमण और जलन के बढ़ रहे मरीज, ऐसे करें समस्याओं का बचाव
पश्चिम चंपारण के हरनाटांड़ में आंखों के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं खासकर बच्चों में वीकेसी (वर्नल केराटो कंजंक्टिवाइटिस) के मामले अधिक हैं। डॉ. चिंतामणि काजी ने बताया कि मानसून में नमी के कारण यह समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए आंखों की नियमित सफाई ठंडी सिकाई और धूप में चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है।

जागरण संवाददाता, हरनाटांड़। आंख हमारे शरीर का वह नाजुक हिस्सा है जिसमें जरा सी धूल भी चली जाए तो यह लाल हो जाती है और जलन शुरू हो जाती है। वहीं, आंखों में परेशानी होने के चलते व्यक्ति को दैनिक जीवन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हरनाटांड़ स्थित ध्रुव नेत्रालय में पिछले कुछ दिनों से आंखों में संक्रमण, दर्द-जलन, चुभन और लालिमा जैसी समस्या वाले मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। ध्रुव नेत्रालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. चिंतामणि काजी के मुताबिक बच्चों से लेकर युवा वर्ग तक के लोग इस तरह की दिक्कतों का शिकार देखे जा रहे हैं।
रोज दर्जनों बच्चे हो रहे हैं वीकेसी का शिकार
चिकित्सक के मुताबिक आंखों की समस्या वाले रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसमें प्रतिदिन दर्जन भर से अधिक बच्चे आंखों की एलर्जी वर्नल किराटो कंजक्टिवाइटिस (वीकेसी) के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मानसून सीजन में कंजंक्टिवाइटिस या आंखों से जुड़ी समस्या होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानसून के दौरान हवा में नमी और ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया और वायरस के विकास और प्रसार को आसान बना देते हैं।
नहीं होती डरने की जरूरत
ये आगे चलकर कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकते हैं। वैसे तो यह बेहद खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन काफी परेशानियों भरा होता है, जो व्यक्ति के दैनिक जीवन को काफी प्रभावित करता है।
वीकेसी के शिकार बच्चे पहुंच रहे अस्पताल
नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. चिंतामणि काजी बताते हैं कि वर्नल किराटो कंजक्टिवाइटिस (वीकेसी) एक प्रकार की आंखों की बीमारी है, जो आमतौर पर बच्चों और युवाओं में पाई जाती है।
यह बीमारी आंखों की एलर्जी के कारण होती है, जिसमें आंखों की बाहरी परत (कंजक्टिवा) और कॉर्निया प्रभावित होते हैं। जिसमें आंखों में खुजली और जलन होना एक आम लक्षण है।
आंखों से पानी आना और आंखों का लाल होना भी आम लक्षण हैं। जबकि आंखों में दर्द और असहजता महसूस हो सकती है। साथ ही वीकेसी के कारण दृष्टि धुंधली हो सकती है। वीकेसी मिट्टी, धूल या पालतू जानवरों के बाल आदि से एलर्जी होने के कारण होता है।
आंखों के इंफेक्शन को कैसे दूर करें
वीकेसी के लक्षण अक्सर होली से दशहरा तक बढ़ता है। एंटी-एलर्जी दवाएं और आई ड्रॉप्स लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आंखों पर कूल कंप्रेस लगाने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके लिए आंखों की नियमित देखभाल और सफाई भी महत्वपूर्ण है। अगर ऐसी समस्या आए तो बर्फ से सेंकने से राहत मिलेगा। साथ ही धूप में निकलने पर धूप चश्मा का उपयोग करें। जिससे धूल कण के साथ तेज धूप की हानिकारक किरणों से बचा जा सकता है।
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