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    परदेश से वापस आ रहे यात्री, ट्रेनें फुल; हो रही परेशानी

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 04:32 PM (IST)

    त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ने से ट्रेनों में भारी भीड़ है। रेलवे प्रशासन द्वारा स्पेशल ट्रेनें चलाने के बावजूद यात्रियों को परेशानी हो रही है। बगहा स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की सक्रियता कम होने से यात्रियों को सुरक्षा संबंधी समस्याएं आ रही हैं। यात्रियों ने आरपीएफ और जीआरपी के नदारद रहने की शिकायत की है, जिससे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल है।

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    ट्रेनों में लगातार बढ़ रही लोगों की भीड़। (जागरण)

    संवाद सूत्र, बगहा। त्योहारी माहौल में परदेसी यात्रियों का आना शुरू हो गया है। करीब एक सप्ताह से सभी गाड़ियों में भीड़ बढ़ गई है। हालांकि, यात्रियों की भीड़ व सुविधा को देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा स्पेशल गाड़ियां भी चलाई गई है। लेकिन, यात्रियों की संख्या के आगे वह सब नाकाफी साबित हो रही है।

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    दोनों ओर से हो रही भीड़

    यह पहला मौका है जब गाड़ियों में दोनों तरफ से यात्रियों की भीड़ बराबर है। जिस प्रकार आने वालों की संख्या है ठीक वैसे ही जाने वाले यात्रियों की संख्या भी इस बार दिख रही है। जिसका नतीजा है कि गाड़ी रुकने पर उतरने की जल्दबाजी में चढ़ने को लेकर भी अफरातफरी लग रही है।

    हालांकि, स्टेशन प्रबंधन के तरफ से यात्रियों के चढ़ने उतरने में होने वाले संभावित खतरा भांपते हुए स्टेशन पर अधिक समय रुकने की व्यवस्था भी की गई है। ताकि चढ़ने उतरने के दौरान किसी अनहोनी को मौका नहीं मिले।

    सुरक्षा की कमी

    हालांकि, स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ देखते हुए आरपीएफ व जीआरपी को तत्पर होकर सुविधा व सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारियों को देखना चाहिए लेकिन बगहा स्टेशन पर इसकी कमी दिख रही है। परिणाम स्वरूप यात्रियों के बीच मारपीट का झगड़ा होने की स्थिति भी बन रही है।

    जबकि यात्रियों की भीड़ व प्लेटफार्म पर दबाव को देखते हुए इनकी तत्परता आवश्यक है लेकिन जिम्मेदारी पर लापरवाही भारी होने के कारण प्लेटफार्म पर इनकी सक्रियता नगण्य हो गई है।

    यात्रियों की शिकायत

    15274 सत्याग्रह डाउन एक्सप्रेस से उतरने वाले दर्जनों यात्रियों की शिकायत रही कि पूरी यात्रा में कही भी आरपीएफ या जीआरपी का दल दिखाई नहीं दिया। साथ ही स्टेशन पर भी उतरने के क्रम में चढ़ने वालों की ठेलम ठेल में सामान व परिवार को सुरक्षित रखते हुए बिना झगड़ा के उतर पाना असंभव सा दिख रहा है। अगर प्रशासनिक व्यवस्था सक्रिय होती तो यात्री भी मनमानी करने से पहले दो बार सोचते।