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    Bihar Vidhan sabha Chunav : सोशल मीडिया पर ‘सरकार’ बन भी रही... बिगड़ भी रही, जाने मोहल्लों में हाल

    By Vinod Rao Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:42 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सोशल मीडिया पर सरगर्मी तेज़ है। लोग अपनी पसंदीदा पार्टियों और उम्मीदवारों के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है। मोहल्लों में भी चुनावी चर्चा ज़ोरों पर है, जहां लोग चाय की दुकानों और चौराहों पर बैठकर चुनावी रणनीति पर विचार कर रहे हैं।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    अमित कुमार शुक्ल • बगहा (पश्चिम चंपारण) । चुनाव प्रचार का तरीका बदला है । अब इसे इंटरनेट मीडिया ने अपने आगोश में ले लिया है। बात हम उस दौर की कर रहे जब आज की तरह न तो इंटरनेट का युग था और न कैसेट टेप रिकार्डर ही प्रचलन में आया था ।

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    तब उम्मीदवार व उनके समर्थक समूह बनाकर गांव की गलियों में गीत गाते बजाते मतदाताओं के घर घर जाकर चुनाव प्रचार करते । लेकिन अब तो यह बीते दौर की बात हो गई ।

    अब इस नए हाइटेक युग में चुनाव प्रचार के रंग इंटरनेट मीडिया पर देखने को मिल रहे हैं। माहौल चुनाव में सराबोर जरूर है पर इंटरनेट पर चुनावी शोर अपने चरम पर है। इंटरनेट पर वादों, नारों, विकास के फलसफे से लबालब हैं। इस युग में पुराने प्रचार का ढंग कही खो गया है ।

    ऐसा नहीं है कि प्रत्याशी अपने लोगों के साथ वोटरों से नहीं मिल रहे । मुलाकात कर अभिवादन हो रहा है, लेकिन आत्मीय मिलन नहीं हो पा रहा । सादगी की कमी नजर आ रही है।

    पोस्टर बैनर की भरमार भी नहीं है। गांव की गलियां सूनी हैं, डिजिटल प्लेटफार्म पर चुनावी शोर के बीच प्रत्याशियों का जोर है ।

    फेसबुक, यूटयूब,वाट्सएप बना प्रचार का माध्यम

    डिजिटल प्लेटफार्म जैसे फेसबुक यूटयूब वाट्सएप ग्रुपों पर समर्थक अपने उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। इसी के जरिए प्रत्याशी अपनी बात भी रख रहे हैं कि मुझे अपना आशीर्वाद वोट के रूप में दे। यहां के उम्मीदवारों ने इंटरनेट हैंडल के लिए अपनी एक टीम भी बनाई है।

    जहां से रोजाना स्लोग्न गढ़ने, वीडियो संपादन करने की जिम्मेदारी निभा रही हैं । नए हो या एक बार के जीते हुए प्रत्याशी सब इसी माध्यम को अपनाकर अपनी बात लोगों तक पहुंचाने में खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि लोग इसे देख भी रहे ।

    गांवों में पहुंच रही डिजिटल बयार

    इस इंटरनेट युग में क्या शहर क्या गांव सब एक समान है । इसके बढ़ते पहुंच से गांव के वोटर भी आनलाइन चर्चा में शिरकत कर रहे । वाट्सएप पर चुनावी बहस या लाइव मोड में चर्चा तक हर प्लेटफार्म पर चुनाव की सरगर्मी है । मोबाइल स्क्रीन पर प्रचार के नए रंग बिखर रहे ।

    यहां तक एक दूसरे के समर्थक एक दूसरे को नीचा भी दिखा रहे हैं । लोग इसे देख खुश भी हो रहे और चर्चा करने से पीछे नहीं हैं। इस बार का प्रचार बदला- बदला सा है।

    न तो लाउडस्पीकर पर आवाज ही गूंज रहा और न दीवारों पर पोस्टर व रंग बिखर रहा । परंतु इंटरनेट मीडिया पर लोकतंत्र का शोर ज्यादा गुंजायमान हो चुका है। सब इसी नए प्रचार के सहारे अपनी चुनावी नैया पार कराने व मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं ।