जंगल सफारी के दौरान दिखा तेंदुआ, वीटीआर पहुंचे स्कूली बच्चों ने कहा- करीब से देख हुए गदगद
VTR Jungle Safari: बारिश का मौसम समाप्त होने के तुरंत बाद वाल्मीकि टाइगर रिजर्व यानी वीटीआर में जंगल सफारी शुरू हो गया है। स्थानीय के साथ ही साथ दूसरे राज्य के पर्यटक भी यहां पहुंच रहे हैं। वे न केवल प्राकृतिक छटा का आनंद ले रहे वरन जंगली जानवरों को करीब से भी देख पा रहे। उनका कहना है कि चिड़ियाघर में जानवरों को देखना और यहां प्राकृतिक रूप से देखने में बहुत अंतर है।

जंगल में तेंदुओं को टहलते देख पर्यटकों का मन गदगद हो गया। सौ. विभाग
संवाद सूत्र, वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण)। VTR Jungle Safari: वीटीआर में आने वाले स्थानीय के साथ ही साथ दूसरे राज्य से पहुंचने वाले पर्यटक भी जंगल सफारी का खूब आनंद ले रहे हैं। वे जानवरों को प्राकृतिक रूप से देख आनंदित हो रहे हैं।
इसके साथ ही साथ पर्यटकों को प्रकृति के विहंगम दृश्य को नजदीक से महसूस करने का मौका भी मिल रहा है। इसकी वजह से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर स्थित पर्यटन स्थल आज अपनी प्राकृतिक और नैसर्गिक सुंदरता तथा जल, जंगल, हरियाली और भौतिक परिवेश के कारण देश सहित विदेश में भी अपनी ख्याति तेजी से बटोर रहा है।
यही वजह है कि इसको देखने की लालसा लिए हर रोज सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पर्यटन नगरी वाल्मीकिनगर पहुंचते हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से वीटीआर भ्रमण करने पहुंचे सेंट्रल हिन्दू स्कूल से बच्चों ने जंगल सफारी का आनंद लिया।
इस दौरान उन्हें तेंदुआ, हिरण, मोर सहित कई अन्य जंगली जानवरों को समीप से देखने का अवसर मिला। इससे वे काफी हर्षित और रोमांचित हुए।
इस बारे में विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनय कुमार ने बताया कि वीटीआर का हमने बहुत नाम सुना था। साथ ही इसके बारे में बहुत चर्चा हो रही थी। इससे प्रेरित होकर हमलोगों ने यहां आने का फैसला किया।
यहां आने के बाद जितना सुना था उससे ज्यादा पाया। चारों ओर से प्रकृति का रूप मनमोहक है। बाघ,तेंदुआ सहित अन्य जानवरों को हमने चिड़ियाघर में देखा था, लेकिन यहां जंगल सफारी के दौरान करीब से देखने को मौका मिला।
इन जानवरों को देख हम काफी प्रफुल्लित हुए हैं। साथ ही बताया कि हमलोग अपने स्कूल के बच्चों के साथ भ्रमण करने आए थे। यह काफी सुखद अनुभव रहा। हमारे साथ विद्यालय के अन्य शिक्षक विनय राय श्रवण,सतेंद्र सिंह,राज नरेश सिंह,संतोषी शाही,स्नेहलता, उषा कुमारी भी थीं।
62 बच्चों ने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया। उम्मीद है कि वे आनंद लेने के साथ ही साथ कुछ ऐसे अनुभव भी लेकर जा रहे होंगे जो उन्हें पूरे जीवन काम आएगा। रेंजर अमित कुमार ने बताया कि पर्यटन पर आए पर्यटकों की संतुष्टि ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए हम सभी कर्मियों को सदैव प्रेरित करते रहते हैं।

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