बगहा में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से खुले में बिक रहा मांस-मछली, नगर परिषद के स्वच्छता दावों की खुली पोल
बगहा नगर परिषद क्षेत्र में खुले में मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद, बाजारों और मुख्य सड़कों पर खुलेआम दुकानें चल रही हैं। प्रशासन की ओर ...और पढ़ें

खुले में बिक रहा मांस-मछली
संवाद सहयोगी, बगहा। नगर परिषद बगहा क्षेत्र में स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग दिखाई देती है। परिषद द्वारा खुले में मांस और मछली की बिक्री पर स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद बाजारों और मुख्य सड़कों पर खुले में दुकानों का संचालन लगातार जारी है।
प्रशासन की ओर से समय-समय पर नोटिस जारी कर खानापूर्ति अवश्य की जाती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से इन दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। सुबह से लेकर शाम तक कई स्थानों पर खुले में बिना ढ़के मांस और मछलियां बेची जाती हैं। न तो स्वच्छता के मानक का पालन किया जाता है और न ही किसी प्रकार के स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का।
उड़ती धूल, सड़क का प्रदूषण, मच्छर-मक्खियों की भरमार और खुले में गंदा पानी बहना आम बात है। इन परिस्थितियों में बिकने वाले खाद्य पदार्थ न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा बनते हैं, बल्कि संक्रामक रोगों के फैलने का बड़ा कारण भी बन सकते हैं।
केवल दिखावे के लिए नोटिस जारी
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद केवल दिखावे के लिए नोटिस जारी करती है। न जुर्माना लगाया जाता है, न दुकानें हटाई जाती हैं और न ही नियमित निरीक्षण किया जाता है। कई बार शिकायत के बावजूद अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते।
यही कारण है कि दुकानदारों को प्रशासन का कोई डर नहीं रहता और वे खुले में विक्रय जारी रखते हैं। वहीं, दुकानदारों का तर्क है कि परिषद ने वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई है। न तो व्यवस्थित मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाया गया है, न ही साफ-सुथरी मीट/फिश मार्केट। ऐसे में वे मजबूरी में सड़क किनारे दुकानें लगाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने भी कई बार नगर परिषद को लिखा पत्र
परंतु विशेषज्ञों का कहना है कि यह मजबूरी से ज्यादा आदत का मामला है, क्योंकि बिना प्रशासनिक कार्रवाई के नियमों का पालन कराने की अपेक्षा करना मुश्किल है। स्वास्थ्य विभाग ने भी कई बार नगर परिषद को पत्र लिखकर ऐसे खुले विक्रय पर रोक लगाने और नियमित सफाई सुनिश्चित करने की सलाह दी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल चेतावनी नोटिस ही जारी किए जाते हैं।
कुल मिलाकर, नगर परिषद क्षेत्र में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर लगे प्रतिबंध का पालन सिर्फ कागजों में दिखता है। जब तक प्रशासन कठोर कदम नहीं उठाएगा और एक स्वच्छ व सुरक्षित मार्केट व्यवस्था नहीं बनाएगा, तब तक यह समस्या यूं ही बनी रहेगी और आम जनता का स्वास्थ्य जोखिम में रहता रहेगा।
आवारा कुत्ते मांस खाकर हिंसक हो गए हैं लगातार लगातार लोगों को काट रहे हैं, पर अनुमंडलीय अस्पताल से बीते तीन सप्ताह से रेबीज का इंजेक्शन भी नहीं है।
पूर्व से ही मांस- मछली ढ़ंक कर बेचने और निर्धारित स्थल पर लगाने का निर्देश दिया जा चुका है। पूर्व में नोटिस निर्गत किया गया था। शीघ्र ही ऐसे दुकानदारों सहित अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा ।- सरोज कुमार बैठा, ईओ, नगर परिषद, बगहा।

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