West Champaran : मिनी नेपाल में भाई दूज पर दिखी परंपरा की झलक
पश्चिम चंपारण के मिनी नेपाल में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नेपाली संस्कृति की झलक देखने को मिली। बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए पूजा की और टीका लगाया। भाइयों ने भी बहनों को उपहार दिए। पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल रहा।

नेपाली टोला में टीका लगाने के बाद नेपाली समुदाय के लोग। जागरण
संवाद सूत्र, रामनगर (पश्चिम चंपारण) । कोई भी धर्म संप्रदाय अपनी परंपराओं के लिए ही जाने और पहचाने जाते हैं। इनकी यह संस्कृति ही इन्हें अन्य समुदायों से अलग करती है। नगर में भी अरसे से नेपाली समुदाय के लोग बसे हुए हैं। जो अपने पर्व त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। जिसमें इनके धर्म संस्कृति की विविधता देखने को मिलती है। नगर के नेपाली टोला को मिनी नेपाल भी कहते हैं।नगर के वार्ड संख्या दो और तीन में आने वाले इस मोहल्ले में काफी संख्या में नेपाली समुदाय के लोग रहते हैं। जो अपने सांस्कृतिक विरासतों को संजो कर रखे हुए हैं।
इनकी परंपराओं को देखकर स्थानीय लोग भी इन्हें जानने सुनने को इच्छुक रहते हैं। इस समुदाय में दशहरा और दीपावली को काफी महत्व दिया जाता है। दीपावली के समय से पहले ही इनमें यम पंचक परंपरा का रिवाज है। जिसमें गाय, बैल, कुकुर आदि की पूजा की जाती है। रामनगर शिव मंदिर के पुजारी अमित उपाध्याय नेपाली मूल के हैं। इनका कहना है कि यम पंचक पूजा दीपावली के पहले तेरस के दिन से ही शुरू हो जाती है। पहले दिन कौवे की पूजा करने का रिवाज है।
मान्यता है कि कौवे एवं पंछी पुराने जमाने से ही लोगों के संदेशों का आदान-प्रदान करने में सहायता करते थे। इसलिए साल में उनकी एक बार पूजा होनी चाहिए। वही चतुर्दशी को यमराज के वाहन और घर की रक्षा करने वाले कुकर की पूजा की जाती है। दीपावली के दिन गाय माता की पूजा होती है। इसी दिन रात्रि में देवी लक्ष्मी की पूजा भी होती है। वहीं अगले दिन बैल का पूजा किया जाता है। पांचवें और अंतिम दिन भाई दूज (भाई टीका) होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसर इस दिन यमराज स्वयं अपनी बहन यमुना के घर जाकर भोजन किए थे। इसलिए नेपाली समुदाय के लोग अपनी बहनों के यहां जाते हैं। कहीं-कहीं बहने भी भाई के घर आती हैं।
बहनें अपने हाथ का बना भोजन भाई को खिलाती है। इसमें भाई कौड़ा खेल का भी रिवाज है। जिसमें बहन भाई को कुछ दक्षिणा देती है। इस दक्षिणा के अनुसार ही भाई उसका दोगुना उन्हें वापस करता है। इसमें वस्त्र, नगद पैसे के साथ मिठाई भी होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई की उम्र लंबी होती है। सेल रोटी खाने खिलाने का भी रिवाज है। जो सभी घरों में बनाया और खाया जाता है। रामनगर राज परिवार की रानी प्रेमा शाह, नेपाली टोला निवासी नम्रता श्रेष्ठ, कल्पना देवी, सुधा सिंह, सनम श्रेष्ठ, अनु श्रेष्ठ और सरिता बहादुर थापा कहती हैं कि समुदाय के लोग इन पर्व त्योहारों में सम्मिलित रूप से शामिल होकर इसका आनंद उठाते हैं। एक दूसरे के बीच खुशियों का आदान प्रदान करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।