Bihar Politics: 26 साल बाद NDA के गढ़ में गांधी परिवार, बंद चीनी मिल से वोटरों को साधने की तैयारी
26 साल बाद एनडीए के गढ़ पश्चिमी चंपारण में कांग्रेस का बड़ा नेता आ रहा है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव वोटर अधिकार यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। पश्चिम चंपारण में कांग्रेस कमजोर रही है लेकिन विपक्ष इस बार एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है। वे स्थानीय मुद्दों को उठाकर जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे।

मनोज मिश्र, बेतिया। वोटर अधिकार यात्रा के बहाने एनडीए के गढ़ पश्चिमी चंपारण में 26 वर्ष बाद कोई कांग्रेस का बड़ा नेता आ रहा है। विपक्षी एकजुटता का बड़ा शो होने वाला है। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सीपीआई (एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भी है।
शुक्रवार की सुबह सभी यहां से वोटर अधिकार यात्रा को गति देंगे। महात्मा गांधी के सत्याग्रह की धरती से विपक्ष का यह साझा मंच विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक संदेश देने वाला है।
पश्चिम चंपारण की नौ विधानसभा सीटों में से आठ फिलहाल एनडीए के कब्जे में हैं। लोकसभा की दोनों सीटें भी एनडीए के पास है। पिछले तीन दशक से पश्चिमी चंपारण में भाजपा व उसके सहयोगी पार्टियों का दबदबा है।
वर्ष 2015 में बेतिया विधानसभा सीट पर कांग्रेसी नेता मदन मोहन तिवारी की विजय गाथा को छोड़ दे, तो चंपारण की उर्वर धरती कांग्रेस के लिए पूरी तरह से बंजर हो गई है। पिछले दो दशक में राजद को भी आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली है। यहां भाजपा का मजबूत संगठन और जातीय समीकरण बेहद मजबूत माना जाता है।
ऐसे में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मौजूदगी को विपक्षी खेमे का चुनावी मास्टर स्ट्रोक है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व लंबे समय से इस इलाके से गायब रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984 और 1989 में बेतिया में चुनावी सभा करने आए थे। फिर सोनिया गांधी 1999 के लोकसभा चुनाव में आई थीं। उसके बाद से कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर का कोई बड़ा नेता पश्चिमी चंपारण में नहीं आया।
जनसरोकार से जुड़े मुद्दे कलेक्ट करेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह पटेल ने बताया कि वोटर अधिकार यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी स्थानीय मुद्दों और केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करेंगे। जनसरोकार से जुड़े मुद्दे को कलेक्ट कर लोकसभा और विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।
वहीं राजद इसे युवाओं और किसानों के बीच लेकर जाने के प्रयास में है। वाम दल इसे सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई से जोड़कर जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं।
चंपारण की पिच पर स्थानीय मुद्दों की गुगली फेंकेगा विपक्ष
चनपटिया चीनी मिल की जमीन पर नेताओं के रात्रि विश्राम हो रहा है। बंद चीनी मिल और कुमारबाग का स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का मुद्दा भी है। राजद जिलाध्यक्ष साहेब हुसैन अंसारी का कहना है कि तेजस्वी यादव की मौजूदगी से युवाओं और किसानों को सीधी उम्मीद मिलेगी।
पश्चिम चंपारण की राजनीतिक परिदृश्य
कुल विधानसभा सीटें : 9
एनडीए : 8
विपक्ष : 1
कांग्रेस के बड़े नेता कब आए थे बेतिया
राजीव गांधी : 1984 और 1989 में चुनावी सभा
सोनिया गांधी : 1999 लोकसभा चुनाव प्रचार
राहुल गांधी : 2025 विधानसभा चुनाव से पहले वोटर अधिकार यात्रा
मुख्य मुद्दे : रोजी रोजगार के लिए युवाओं का पलायन, बेरोजगारी, बाढ़, महंगाई, किसानों की समस्या, बंद चनपटिया चीनी मिल और कुमारबाग स्टील प्रोसेसिंग प्लांट, लोकतंत्र की सुरक्षा
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