Updated: Fri, 22 Aug 2025 05:16 PM (IST)
पश्चिम चंपारण जिले में राजस्व महा अभियान जारी है। हड़ताल के कारण कार्य धीमा होने पर अन्य कर्मियों की नियुक्ति की गई। अब तक 2.50 लाख से अधिक कागजात वितरित किए गए हैं जिनमें जमाबंदी की कॉपी और बिना जमाबंदी के कागजात शामिल हैं। अपर समाहर्ता ने शिविर में त्रुटि सुधार कराने की चेतावनी दी है। शिविर में त्रुटि सुधार नई जमाबंदी दाखिल खारिज और बंटवारे की सुविधाएं मिलेंगी।
जागरण संवाददाता, बेतिया। जिले में विशेष राजस्व महा अभियान का कार्य छठे दिन भी जारी रहा। 19 अगस्त को बंदोबस्त विभाग के अमीन सहित 200 से अधिक कर्मियों के हड़ताल पर जाने से इस कार्य की प्रगति में थोड़ी कमी आई, लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश पर अन्य कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया।
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इ सके बाद पंचायतों में पदस्थापित किसान सलाहकार, आवास सहायक, ग्राम कचहरी सचिच आदि को इस कार्य में प्रतिनियुक्त किया गया। इससे महा अभियान में कर्मियों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्तमान में जिले में 2.50 लाख से अधिक जमाबंदीदारों एवं रैयतों के बीच कागजातों का वितरण किया गया है।
इस अभियान में दो प्रकार के कागजात वितरित किए जा रहे हैं। पहला, जमाबंदी की जिरोक्स कॉपी और दूसरा, बिना जमाबंदी का कागजात। दूसरे प्रकार के कागजात के माध्यम से संबंधित लोग जमाबंदी सृजित कराने के लिए आवेदन पत्र दाखिल करेंगे।
अपर समाहर्ता कुमार राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि जिले में 30 अगस्त तक लोगों के बीच कागजातों का वितरण किया जाएगा और जमाबंदी का सृजन एवं त्रुटि सुधार की प्रक्रिया 20 सितंबर तक जारी रहेगी।
शिविर में नहीं कराए सुधार तो होगी परेशानी:
अपर समाहर्ता सिन्हा ने चेतावनी दी है कि यदि शिविर में त्रुटि सुधार नहीं कराया गया, तो रैयतों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान में त्रुटि सुधार के लिए ऑनलाइन कोई व्यवस्था नहीं है। संबंधित रैयतों एवं जमाबंदीदारों को कागजात उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
यदि किसी प्रकार की समस्या है, तो वे शपथ देकर अपना नाम और मोबाइल नंबर देंगे। उनकी जमीन से संबंधित समस्याओं का समाधान कर उनके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर जानकारी दी जाएगी।
इस शिविर के माध्यम से चार प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पहला, त्रुटिपूर्ण जमाबंदी में सुधार। दूसरा, छूटी हुई जमाबंदियों को नए सिरे से कायम करना। तीसरा, मृत जमाबंदीदार के उत्तराधिकारी दाखिल खारिज कर सकेंगे। चौथा, सहमति के आधार पर बटवारा कर दाखिल खारिज कराने की सुविधा।
आपसी सहमति से सृजित होगी नई जमाबंदी:
जिनकी जमाबंदी दादा परदादा के नाम से चल रही है और जमाबंदीदार की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें आपसी सहमति से नई जमाबंदी सृजित करनी होगी। शपथ पत्र दी गई सहमति के आधार पर नई जमाबंदी बनाई जाएगी।
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