Home Loan: कौन-कौन से चार्ज लगते हैं, किन बातों का ध्यान रखना होता है जरूरी? यहां जानें सबकुछ
Home Loan खुद के आशियाने के सपने को साकार करने में होम लोन काफी मददगार साबित होता है। हालांकि होम लोन लेते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। नियमों व शर्तों के अलावा हमें इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बैंक हमसे कौन-से चार्ज ले रहा है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि लोन पर कौन-से चार्ज लगते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अपना घर का सपना साकार करने के लिए हम भले ही सेविंग करते हैं पर कई बार पैसों की थोड़ी कमी होने के कारण इस सपने को पोस्टपोंड कर देते हैं। ऐसे में इस सपने को समय पर साकार करने के लिए होम लोन (Home Loan) काफी काम आता है। होम लोन की मदद से जहां हम अपने सपने को साकार कर सकते हैं, लेकिन समय पर इसका भुगतान करना भी जरूरी है।
अगर आप भी होम लोन लेने का सोच रहे हैं तो आपको नियम व शर्तों के अलावा यह जरूर जान लेना चाहिए कि लोन लेने पर आपको कौन-से चार्ज देने पड़ेंगे।
एप्लिकेशन चार्ज
जब भी आप लोन के लिए आवेदन देते हैं तब आपको यह चार्ज देना पड़ता है। अगर आपको लोन नहीं मिलता है तो भी यह फीस रिफंड नहीं होगा। ऐसे में वित्तीय सलाहकार सलाद देते हैं कि आपको आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपको किस बैंक से वित्तीय संस्थान से लोन लेना है।
मॉर्गिज डीड चार्ज
होम लोन सेलेक्ट करते समय मॉर्गिज डीड चार्ज सबसे बड़ा होता है। यह होम लोन के पर्सेंट के आधार पर लिया जाता है। हालांकि, कई बैंक और एनबीएफसी इस चार्ज को माफ कर देती है।
लीगल फीस
लोनधारक के आवेदन के बाद बैंक या संस्थान बाहरी वकीलों को नियुक्त करते हैं। वकील लोनधारक की प्रॉपर्टी और कानूनी स्थिति की छानबीन करता है। इसके लिए वकील की फीस कस्टमर द्वारा ही भरा जाता है। अगर आपको लीगल फीस बचानी है तो आप पहले ही यह पता कर लें कि आप जिस प्रोजेक्ट में निवेश कर रहे हैं , कहीं बैंक या वित्तीय संस्थान से मंजूरी मिली है या नहीं।
प्रीपेमेंट चार्ज
कई बार लोन को समय से पहले खत्म करने के लिए लोन के एक हिस्सा का भुगतान समय से पहले कर देते हैं। इसे प्रीपेमेंट कहते हैं। इस स्थिति में बैंक अपने कॉस्ट और इंटरेस्ट रेट के नुकसान को भरने के लिए प्रीपेमेंट चार्ज या पेनल्टी लेता है। सभी बैंकों और वित्तीय संस्थान में ये चार्ज अलग होती है। इसके अलावा यह लोन के टाइप पर भी निर्भर करता है।
कमिटमेंट फीस
कई बैंक ग्राहकों से कमिटमेंट फीस लेते हैं। यह फीस तब ली जाती है जब ग्राहक निर्धारित समय अवधि के भीतर लोन का भुगतान नहीं करता है। वैसे तो यह फीस अवितरित लोन (undisbursed loan) पर लिया जाता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
- लोन के आवेदन से पहले आपको कई बैंक या वित्तीय संस्थान के ब्याज दर और सुविधाओं की तुलना कर लेना चाहिए।
- आप अपने बजट के हिसाब से ही लोन ले। अगर आप ज्यादा बड़ी रकम का लोन लेते हैं तो भुगतान करने में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
- लोन के आवेदन से पहले ब्याज दर और सेविंग आदि का कैलकुलेशन कर लें। कहीं ऐसा न हो कि लोन के कारण आपको वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़े।
- लोन के एग्रीमेंट पर सिग्नेचर करने से पहले लोन के नियम व शर्तों को सावधानी से पढ़ें। अगर आपको कोई नियम समझ नहीं आ रहे हैं या फिर किसी शर्तों में बदलाव करवाना चाहते हैं तो आप करवा सकते हैं।
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