बचत का कितना हिस्सा करें Share Market में निवेश, क्या है 100 Minus Age का नियम?
आज शेयर बाजार (Share Market News) में निवेशक बढ़ते जा रहे हैं। हम सब सैलरी का कुछ हिस्सा सेविंग के लिए रखते हैं। वही सेविंग का कुछ अमाउंट अलग-अलग प्लेटफॉर्म में निवेश करते हैं। अगर आप अपनी सेविंग (100 Minus Age Formula) का कुछ हिस्सा इक्विटी में निवेश करने का सोच रहे हैं तो ये फॉर्मूला आपकी मदद कर सकता है।

नई दिल्ली। हर महीने आने वाली सैलरी को किस तरह से मैनेज करना है, इसके बारे में हम पहले भी कई बार बात कर चुके हैं। निवेश की रकम को हमेशा से ही डायवर्सिफाई करने की बात की जाती है। जिसका मतलब है कि कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश और कुछ असुरक्षित निवेश में लगाया जाए।
लेकिन हमेशा ये कन्फ्यूजन रहती है कि सैलरी का कितना हिस्सा असुरक्षित निवेश में लगाना चाहिए कि जिससे बेहतर रिटर्न मिल सके। इक्विटी में कितना निवेश करना चाहिए, इसे लेकर एक फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है।
क्या है 100 Minus Age फॉर्मूला?
इस फॉर्मूला का इस्तेमाल आपकी उम्र के साथ किया जाता है।
100- जितनी उम्र हो = कुल (इतना करें निवेश)
इस फॉर्मूला का इस्तेमाल करने के लिए आपको जितनी उम्र है, उसे 100 में से घटाना होगा। फिर जो भी नंबर आएगा, अपनी बचत या कुल निवेश राशि का उतना फीसदी हिस्सा आपको शेयर बाजार या इक्विटी में निवेश करना चाहिए।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए किसी व्यक्ति की उम्र 30 साल है और वह हर महीने 10 हजार रुपए निवेश करना चाहता है। ऐसे में उसे 100 में से 30 घटाने होंगे। इसका मतलब हुआ कि उस राशि का 70 फीसदी यानी 7 हजार रुपये शेयर बाजार या इक्विटी में लगा सकते हैं। आप सीधे शेयर बाजार में या फिर इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिए यह निवेश कर सकते हैं। शेष बचे 3 हजार रुपए आपको बॉन्ड, एफडी जैसे सुरक्षित रिटर्न देने वाले एसेट में लगाना चाहिए।
सेलरी में से कितनी बचत जरूरी, 50:30:20 फॉर्मूले से जानिए
आपके मन में एक सवाल ये भी हाे सकता है कि सेलरी में से कम से कम कितने रुपए बचा लेने चाहिए। इसके लिए भी एक फॉर्मूला बनाया गया है। ये है 50:30:20 का फॉर्मूला। इसका मतलब है सेलरी का 50% हिस्सा जरूरतों पर और 30% हिस्सा आपकी इच्छाओं पर खर्च करना चाहिए। जबकि 20 फीसदी हिस्सा बचा लेना चाहिए। मान लीजिए किसी व्यक्ति की सेलरी 50 हजार रुपए है, तो उसे इसे इस तरह तीन हिस्सों में बांट लेना चाहिए...
- 50%- 25,000 (जरूरी खर्चे)
- 30%- 15,000 ( चाहत)
- 20%- 10,000 (सेविंग)
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