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    2035 तक मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी 100 अरब डॉलर बढ़ा सकता है AI, जानिए NITI आयोग की रिपोर्ट की पूरी डिटेल

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 04:01 PM (IST)

    सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर साल कम से कम 8 प्रतिशत ग्रोथ की जरूरत है। इस गति से वर्ष 2035 तक भारत की जीडीपी 8.3 ट्रिलियन डॉलर होगी। लेकिन मौजूदा गति से यह सिर्फ 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इस गति को बढ़ाने के लिए NITI Aayog ने AI को जरूरी बताया है।

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    2035 तक मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी 100 अरब डॉलर बढ़ा सकता है AI, जानिए NITI आयोग की रिपोर्ट की पूरी डिटेल

    नीति आयोग ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट (NITI Aayog Report) में कहा है कि विभिन्न उद्योगों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को तेजी से अपनाने से वर्कफोर्स की उत्पादकता और दक्षता बढ़ेगी। इससे 2035 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 500-600 अरब डॉलर का योगदान हो सकता है। आयोग ने ‘विकसित भारत के लिए एआई: त्वरित आर्थिक विकास का अवसर’ शीर्षक से यह रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगले एक दशक में, विभिन्न क्षेत्रों में एआई को अपनाने से विश्व अर्थव्यवस्था में 17-26 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है।

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    रिपोर्ट में कहा गया है, “विशाल STEM वर्कफोर्स, आरएंडडी इकोसिस्टम का विस्तार और बढ़ती डिजिटल एवं तकनीकी क्षमता के बल पर भारत वैश्विक AI मूल्य का 10-15 प्रतिशत प्राप्त कर सकता है।” आयोग का आकलन है कि एक तरफ AI अनेक नई भूमिकाए सृजित करेगा, तो दूसरी तरफ यह अनेक मौजूदा नौकरियों को विस्थापित भी करेगा, खास कर क्लर्क, रूटीन और कम कौशल वाले क्षेत्रों में।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जीडीपी में योगदान

    रिपोर्ट में कहा गया है, विभिन्न इंडस्ट्री सेक्टर में एआई को तेजी से अपनाना 2035 तक भारत की जीडीपी में 500 से 600 अरब डॉलर का अतिरिक्त योगदान कर सकता है। फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग को सबसे अधिक लाभ होगा। उनकी सेक्टोरल जीडीपी में एआई का योगदान 20-25 प्रतिशत तक हो संभव है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing GDP Growth) में एआई के नेतृत्व में उत्पादकता और दक्षता में सुधार से 2035 तक 85-100 अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है। एआई-आधारित उत्पादकता और दक्षता में सुधार से वित्तीय सेवाओं में 50-55 अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हो सकती है।

    एआई विसंगति पहचान की एडवांस तकनीक और गोपनीयता बरतने वाले एनालिटिक्स के माध्यम से ऑटोमेटेड कंप्लायंस, धोखाधड़ी का पता लगाने और जोखिम प्रबंधन को मजबूत बना सकता है। एआई सक्षम प्रणाली कर्ज देने के निर्णय, कलेक्शन और पोर्टफोलियो प्रबंधन को नया रूप दे सकती है। वैकल्पिक डेटा स्रोतों का लाभ उठाकर बैंक अधिक सटीक और समावेशी निर्णय ले सकते हैं।

    एआई की मदद से बढ़ सकती है जीडीपी ग्रोथ रेट

    रिपोर्ट के अनुसार, 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ भारत की जीडीपी 2035 तक 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। लेकिन विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2035 तक जीडीपी 8.3 ट्रिलियन डॉलर ले जाने की जरूरत है। इसके लिए 8 प्रतिशत औसत विकास दर की जरूरत पड़ेगी।

    जिम्मेदारी के साथ प्रयोग जरूरीः सीतारमण

    रिपोर्ट जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया जो जनहित में इनोवेशन को बढ़ावा दें, खासकर एआई के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल एआई टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उनके जिम्मेदारीपूर्ण प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

    उन्होंने कहा, हम ऐसा रेगुलेशन नहीं चाहते जो तकनीक को ही खत्म कर दे। हम रेगुलेशन चाहते हैं क्योंकि हम जिम्मेदारी के साथ इसका प्रयोग करना चाहते हैं। सैंडबॉक्स नियामक तंत्र के लिए एक परीक्षण स्थल प्रदान करते हैं। इनसे एक संतुलित दृष्टिकोण संभव होता है जो आवश्यक निगरानी सुनिश्चित करते हुए इनोवेशन को बढ़ावा देता है। इससे ओवर-रेगुलेशन को रोकने में मदद मिलती है।

    रिपोर्ट की प्रस्तावना में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने लिखा है, “यदि भारत को अपनी विकास दर को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक 8 प्रतिशत तक बढ़ाना है, तो उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि करने और इनोवेशन के माध्यम से वृद्धि को गति देने के अलावा कोई चारा नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसमें निर्णायक भूमिका निभा सकता है।”