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    अमेरिका या फिर चीन... आखिर कौन है भारत का नंबर-1 ट्रेडिंग पार्टनर; हैरान कर देंगे ये आंकड़े!

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:08 PM (IST)

    Indias Top Trading Partner डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत-अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ा। लेकिन भारत-चीन के रिश्ते सुधर रहे हैं। 2024-25 में दोनों देशों का व्यापार 127.7 अरब डॉलर तक पहुंचा। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद भारत और चीन आर्थिक साझेदारी में मजबूत हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कौन सा देश भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है? तो चलिए जानते हैं।

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    भारत में चीन के राजदूत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया।

    नई दिल्ली| USA vs China Trading Partner: डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ ने अमेरिका और भारत के बीच दूरियां बढ़ा दी हैं, तो वहीं चीन से भारत के रिश्ते ठीक होने लगे हैं। हालांकि, भारत-चीन के रिश्तों में लंबे समय से खटास की झलक देखने को मिलती रही है। लेकिन आर्थिक मोर्चे पर तस्वीर कुछ और ही दिखाती है।

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    वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़े बताते हैं कि भारत और चीन के बीच व्यापार का आंकड़ा 127.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह साफ इशारा करता है कि तमाम राजनीतिक मतभेदों और तनावपूर्ण हालात के बावजूद दोनों देश एक-दूसरे के लिए बेहद अहम आर्थिक साझेदार बने हुए हैं।

    इसे लेकर भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग (Xu Feihong) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया और लिखा- वित्त वर्ष 2025 में 127.7 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ चीन, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक बना रहेगा।

    अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर

    अमेरिका 132.2 अरब डॉलर के साथ भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, लेकिन चीन सिर्फ थोड़ा पीछे है। चीन से भारत का व्यापार तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, कैमिकल्स और दवाइयों जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।

    खास बात ये है कि भारतीय बाज़ार में अब भी "मेड इन चाइना" प्रोडक्ट्स की पकड़ बहुत मजबूत है। चाहे मोबाइल फोन हों, छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक सामान या औद्योगिक कच्चा माल-भारत की ज़रूरतें बड़े पैमाने पर चीन से पूरी होती हैं।

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    तेजी से बढ़ा 'मेक इन इंडिया' अभियान

    पिछले कुछ सालों में गलवान घाटी की घटना और सीमा विवादों के कारण भारत-चीन संबंधों में तनाव गहराया था। भारत ने कई चीनी ऐप्स पर बैन लगाया और "मेक इन इंडिया" अभियान को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

    लेकिन इसके बावजूद व्यापारिक आंकड़े बताते हैं कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे पर निर्भर है। भारत को सस्ती चीनी वस्तुएं मिलती हैं, वहीं चीन के लिए भारतीय बाज़ार सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापारिक रिश्तों की मजबूती से दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों में भी कुछ नरमी आ सकती है। अगर भारत और चीन आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझा पाते हैं, तो एशिया की अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिल सकती है।

    भारत के टॉप-10 ट्रेडिंग पार्टनर्स (FY 2024-25)

    नंबर देश ट्रेडिंग (डॉलर में)
    1 अमेरिका (US) 132.21 बिलियन
    2 चीन (China) 127.71 बिलियन
    3 यूएई (UAE) 100.06 बिलियन
    4 रूस (Russia) 68.72 बिलियन
    5 सऊदी अरब (Saudi Arabia) 41.88 बिलियन
    6 सिंगापुर (Singapore) 34.27 बिलियन
    7 इराक (Iraq) 32.16 बिलियन
    8 जर्मनी (Germany) 29.52 बिलियन
    9 इंडोनेशिया (Indonesia) 28.16 बिलियन
    10 नीदरलैंड्स (Netherlands) 27.78 बिलियन

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