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    अनिल अंबानी को बड़ा झटका! बॉम्बे हाईकोर्ट ने SBI के 'फ्रॉड अकाउंट' वाले ऑर्डर को सही ठहराया

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:09 PM (IST)

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( SBI fraud classification) के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें अनिल अंबानी (Anil Ambani challenge) और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खातों को फ्रॉड अकाउंट घोषित किया गया था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की बेंच 3 अक्टूबर को अंबानी की याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है। यह फैसला मंगलवार को सार्वजनिक किया गया।

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    अनिल अंबानी को बड़ा झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने SBI के 'फ्रॉड अकाउंट' वाले ऑर्डर को सही ठहराया।

    नई दिल्ली| रिलायंस कम्युनिकेशंस के मालिक अनिल अंबानी (Anil Ambani) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खातों को 'फ्रॉड अकाउंट' (SBI fraud classification) घोषित किया गया था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की बेंच 3 अक्टूबर को अंबानी (Anil Ambani challenge) की याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है। यह फैसला मंगलवार को सार्वजनिक किया गया। कोर्ट ने कहा कि एसबीआई का आदेश तर्कसंगत और कानूनी रूप से सही है, इसमें कोई खामी नहीं पाई गई।

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    अनिल अंबानी ने क्या कहा था?

    अनिल अंबानी ने कोर्ट में दावा किया था कि उन्हें न तो व्यक्तिगत रूप से सुनवाई का मौका दिया गया और न ही जरूरी दस्तावेज मुहैया कराए गए। उन्होंने कहा कि वे रिलायंस कम्युनिकेशंस के पूरे समय के निदेशक नहीं थे, इसलिए उनका व्यक्तिगत खाता फ्रॉड घोषित नहीं किया जा सकता।

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    हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को निराधार बताया। कोर्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के "मास्टर डायरेक्शन ऑन फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट" के अनुसार, बैंक को सिर्फ लिखित आपत्ति दर्ज करने का अवसर देना होता है, व्यक्तिगत सुनवाई जरूरी नहीं।

    कोर्ट ने क्या कहा?

    कोर्ट ने कहा कि अंबानी को शो-कॉज नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया और दस्तावेज मांगते रहे। इस वजह से बैंक ने जून 2025 में खाता फ्रॉड घोषित कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि,

    "नैसर्गिक न्याय (natural justice) के सिद्धांत का मतलब यह नहीं कि हर मामले में व्यक्तिगत सुनवाई दी ही जाए। अंबानी को अपनी बात लिखित रूप में रखने का मौका मिला, इसलिए प्रक्रिया निष्पक्ष रही।"

    SBI का क्या है आरोप?

    एसबीआई ने कोर्ट को बताया कि,

    "रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बैंक फंड का दुरुपयोग किया और लोन की शर्तों का उल्लंघन करते हुए कई संदिग्ध लेनदेन किए। बैंक ने इस मामले में CBI में शिकायत भी दर्ज कराई है। CBI ने अंबानी के घर और रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली थी।"

    SBI का दावा है कि बैंक को इस धोखाधड़ी से 2,929 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

    कोर्ट की टिप्पणी- प्रमोटर और निदेशक भी जवाबदेह

    हाईकोर्ट ने कहा कि जब किसी कंपनी का खाता फ्रॉड घोषित होता है, तो उसके प्रमोटर और निदेशक भी जवाबदेह होते हैं। कोर्ट ने माना कि अनिल अंबानी कंपनी पर नियंत्रण रखते थे, इसलिए वे भी जिम्मेदार हैं।

    बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के लिए कानूनी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। अदालत ने साफ कर दिया है कि बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में 'प्राकृतिक न्याय' की प्रक्रिया का गलत उपयोग बचाव के तौर पर नहीं किया जा सकता।