Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टैरिफ युद्ध के बीच चीन ने ट्रंप को फिर दी पटखनी, रेयर अर्थ मेटल के निर्यात पर लगाई नई पाबंदी; भारत को छूट

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 01:02 PM (IST)

    Rare Earth Metals Export: चीन ने दुर्लभ पृथ्वी धातुओं के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाकर अमेरिका को झटका दिया है। यह कदम अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बीच उठाया गया है। चीन ने भारत को दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की आपूर्ति जारी रखी है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए गारंटी मांगी है कि इन धातुओं का पुन: निर्यात अमेरिका को न किया जाए।

    Hero Image

    टैरिफ युद्ध के बीच चीन ने ट्रंप को फिर दी पटखनी, रेयर रेयर अर्थ मेटल के निर्यात पर लगाई नई पाबंदी; भारत को छूट

    नई दिल्ली। Rare Earth Metals Export: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के बीच चीन ने उन्हें एक और झटका दिया है। दरअसल, ड्रैगन ने रेयर अर्थ मेटल और उसकी टेक्नोलॉजी के निर्यात पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। चीन, अमेरिका के साथ बढ़ती लड़ाई की खाई के बीच इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व मजबूत करना चाहता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, दूसरी ओर चीन भारत को रेयर अर्थ मेटल की डिलीवरी कर रहा है और उसने भारत से गारंटी मांगी है कि उसके द्वारा आपूर्ति किए गए भारी दुर्लभ पृथ्वी चुम्बकों को संयुक्त राज्य अमेरिका को पुनः निर्यात नहीं किया जाएगा तथा भारतीय कंपनियों को शिपमेंट पुनः शुरू करने से पहले उनका उपयोग केवल घरेलू जरूरतों के लिए ही किया जाएगा।

    चीन ने लगा दिया नया प्रतिबंध

    चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, रेयर अर्थ माइनिंग, स्मेल्टिंग और सेपरेशन, मैग्नेटिक मैटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग, साथ ही दुर्लभ मृदा द्वितीयक संसाधनों के उपयोग और रीसाइक्लिंग से संबंधित प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। संबंधित उत्पादन लाइनों के संयोजन, डिबगिंग, रखरखाव, मरम्मत और उन्नयन से संबंधित प्रौद्योगिकियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। चीन के इस कदम से ट्रंप को बड़ा झटका लगा है।

    चीन ने भारत से मांगा आश्वासन

    एक अधिकारी ने ईटी को बताया, "चीन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारत को आपूर्ति किए जाने वाले भारी दुर्लभ मृदा चुम्बक अमेरिका तक न पहुंचें।" उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली ने अभी तक ऐसी किसी शर्त पर सहमति नहीं जताई है। सूत्र ने कहा कि बीजिंग, वाशिंगटन के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं में वैश्विक दुर्लभ मृदा आपूर्ति श्रृंखला में अपने प्रभुत्व का लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।

    इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण, भारी दुर्लभ मृदा चुम्बकों के वैश्विक उत्पादन के लगभग 90% पर चीन का नियंत्रण है। हालाँकि सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के बाद बीजिंग ने भारत को हल्के दुर्लभ मृदा चुम्बकों का निर्यात फिर से शुरू कर दिया था, लेकिन भारी दुर्लभ मृदा चुम्बकों की आपूर्ति अभी भी निलंबित है।

    रिस्क कंसल्टेंसी फर्म यूरेशिया ग्रुप की चीन निदेशक वांग डैन के अनुसार, ये कदम बीजिंग की रेयर अर्थ एक्सपोर्ट नियंत्रण व्यवस्था में एक मेजर अपग्रेड का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इसके दायरे को कच्चे माल से बढ़ाकर तकनीक और बौद्धिक संपदा तक ले जाता है। इससे अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण वार्ता से पहले चीन की स्थिति और मजबूत होगी।

    10 नवंबर तक टैरिफ पर है रोक

    बताते चलें कि अमेरिका और चीन ने 12 अगस्त को नए टैरिफ को लागू न करने के लिए 10 नवंबर तक बढ़ाने पर सहमति जताई थी। दोनों देशों ने कहा था कि वे टैरिफ में नियोजित वृद्धि को अगले 90 दिनों के लिए रोकेंगे। वहीं, अमेरिका, भारत से वर्तमान में 50 फीसदी टैरिफ वसूल रहा है। 

    यह भी पढ़ें- रूस से भारत खरीदेगा तेल लेकिन बीच में आएगा चीन, आखिर किसने खेला ये खेल और क्या है इसके पीछे की वजह?