रूस के बाद चीन भी हमारे साथ, कहा- हम बढ़ाएंगे भारत से आयात
चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने भारत में कहा कि वे भारतीय वस्तुओं का चीनी बाजार में स्वागत करते हैं। उन्होंने व्यापार संबंधों को मजबूत करने की बात कही। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। यह कदम भारत और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।

नई दिल्ली। टैरिफ विवाद के बीच रूस के बाद भारत को चीन का साथ मिला है। भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने एक बयान में कहा है कि, हम सभी भारतीय वस्तुओं का चीनी बाजार में आने का स्वागत करते हैं।" भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने अमेरिका को "धौंसिया" करार देते हुए कहा कि अमेरिका लंबे समय से फ्री ट्रेड से फायदा उठाता रहा है। लेकिन अब टैरिफ को सौदेबाजी के हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया है और चीन इस कदम का कड़ा विरोध करता है।
#WATCH | China's ambassador to India, Xu Feihong says, "...We welcome all Indian commodities to enter the Chinese market..." pic.twitter.com/YsyPTHBh8O
— ANI (@ANI) August 21, 2025
चुप रहने से धौंस जमाने वालों का हौसला बढ़ेगा
उन्होंने कहा कि चुप रहने से धौंस जमाने वालों का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। रूस ने कहा कि अगर भारत को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में परेशानी हो रही है तो वह अपने उत्पादों का रूस को निर्यात कर सकता है।
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चीनी राजदूत ने कहा, "अमेरिका लंबे समय से मुक्त व्यापार से लाभान्वित होता रहा है, लेकिन अब वह टैरिफ को सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है। चुप्पी से धौंस जमाने वालों का हौसला बढ़ता है। चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।"
भारतीय वस्तुओं के लिए चीनी बाजार खोलने की बात करते हुए फेइहोंग ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के बाजारों में वस्तुओं के आदान-प्रदान से काफी प्रगति कर सकते हैं।
चीन ने की भारत के बायोमेडिसिन क्षेत्र की तारीफ
फेइहोंग ने कहा, आईटी, सॉफ्टवेयर और बायोमेडिसिन के क्षेत्र में भारत को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल है, जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, बुनियादी ढांचे के निर्माण और नई ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विस्तार देख रहा है।"
अमेरिका ने चुनिंदा भारतीय वस्तुओं के आयात पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। इसमें 25 प्रतिशत का व्यापार टैरिफ और रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना शामिल है। अमेरिका के अनुसार, भारत रूस से कच्चा तेल आयात करके रूस-यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है।
चीन ने भारत से कितने करोड़ का किया आयात
संयुक्त राष्ट्र के कॉमट्रेड डेटाबेस के मुताबिक, 2024 में चीन ने भारत से लगभग 14.9 बिलियन डॉलर (करीब 1,24,900 करोड़ रुपए) का सामान आयात किया। जबकि भारत ने चीन को 101.7 बिलियन डॉलर (करीब 8,50,000 करोड़ रुपए) का सामान निर्यात किया।
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