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    समंदर के नीचे छिपा है कच्चे तेल का भण्डार, भारत मिशन मोड में शुरू करेगा खोजने का काम; PM मोदी ने खुद किया बड़ा ऐलान!

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 09:05 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर गहरे समुद्र में तेल और गैस के भंडार खोजने का काम मिशन मोड में शुरू करने की घोषणा की। भारत अपनी तेल खपत का 87% आयात करता है। इस कदम का उद्देश्य ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार को बचाया जा सके। सरकार नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रही है।

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    समंदर के नीचे छिपा है कच्चे तेल का भण्डार, भारत शुरू करेगा खोजने का काम: PM मोदी ने किया ऐलान

    नई दिल्ली। Crude Oil Exploration: पिछले दो दशक में घरेलू क्षेत्र में तेल एवं गैस के भंडार खोजने के लिए अभियान का बहुत उत्साहजनक परिणाम नहीं दिखा है। भारत अपनी कुल तेल खपत का 87 प्रतिशत आयात करता है। ऐसे में शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरे समुद्र के भीतर तेल एवं गैस के भंडार खोजने का काम मिशन मोड पर शुरू करने की घोषणा की। 

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    हाल के समय में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अंडमान-निकोबार क्षेत्र में बड़े हाइड्रोकार्बन भंडार मिलने के संकेत दिए हैं, इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा अहम मानी जा रही है।

    आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम 

    अभी भारत, रूस से काफी तेल खरीद रहा है जिसकी वजह से अमेरिका से रिश्ते खराब हो रहे हैं। तेल एवं गैस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में दो बार इस बात का जिक्र किया कि विदेश से ऊर्जा आयात करने पर देश को कितनी ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है। इसका समाधान तभी होगा जब देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा।

    पहले उन्होंने कहा कि हम ऊर्जा के लिए बहुत सारे देशों पर निर्भर हैं, पेट्रोल-डीजल-गैस आयात पर लाखों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। हमें देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। 11 वर्षों में सौर ऊर्जा 30 गुना बढ़ी है। पनबिजली का विस्तार हो रहा है, मिशन ग्रीन हाइड्रोजन में हजारों करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। परमाणु ऊर्जा की क्षमता दस गुना बढ़ाने का संकल्प लिया गया है। 

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    परमाणु ऊर्जा के लिए 10 नए रिएक्टरों पर काम हो रहा है। इसके बाद उन्होंने फिर तेल एवं गैस आयात पर भारी भरकम खर्चे का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा 'अगर हम ऊर्जा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होते तो यह धन नौजवानों के भविष्य, गरीबी के विरुद्ध लड़ाई, देश के किसानों के कल्याण, गांव की परिस्थितियों को बदलने के काम आता, लेकिन ये हमें विदेश को देना पड़ता है। अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। देश को विकसित बनाने के लिए हम अब समुद्र मंथन की तरफ भी जा रहे हैं। हम समुद्र के भीतर के तेल और गैस के भंडार को खोजने का काम एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। इसके लिए भारत नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू किया जा रहा है।'

    1,200 से अधिक स्थानों पर खोज रहे क्रिटिकल मिनरल्स 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) को लेकर बहुत सतर्क हो गया है, उसके साम‌र्थ्य को लोग भली-भांति समझने लगे हैं। कल तक जिस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं था, वह आज केंद्र में आ गया है। हमारे लिए भी क्रिटिकल मिनरल्स में आत्मनिर्भरता बहुत अनिवार्य है। ऊर्जा क्षेत्र हो या उद्योग, रक्षा या तकनीक का हर क्षेत्र, आज क्रिटिकल मिनरल्स की बहुत अहम भूमिका है। इसलिए सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिशन शुरू किया है। 1,200 से अधिक स्थानों पर खोज अभियान चल रहा है। हम क्रिटिकल मिनरल्स में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।