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    'Gold में निवेश... घटिया तरीका', जीरोधा वाले नितिन कामथ ने क्यों कह दी इतनी बड़ी बात? समझा दिया पूरा गणित

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 09:54 PM (IST)

    अगर आप भी ऐप पर डिजिटल गोल्ड खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। जीरोधा के फाउंडर नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने डिजिटल गोल्ड को निवेश का घटिया तरीका बताया है, क्योंकि यह न तो सेफ है और न ही रेग्युलेटेड। सेबी ने भी चेतावनी दी है कि इस पर किसी सरकारी संस्था का नियंत्रण नहीं है। नितिन कामथ यह भी बताया कि आखिर क्या सही है।

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    'Gold में निवेश... घटिया तरीका', जीरोधा वाले नितिन कामथ ने क्यों कह दी इतनी बड़ी बात?

    नई दिल्ली| अगर आप भी सोच रहे हैं कि ऐप पर 10, 20, 50 या 100 रुपए डालकर डिजिटल गोल्ड खरीदना एक स्मार्ट निवेश है, तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, जीरोधा फाउंडर नितिन कामथ (Zerodha Founder Nithin Kamath) ने साफ रहा कि डिजिटल गोल्ड न तो सेफ है, न सस्ता, और न ही रेग्युलेटेड। यह गोल्ड में निवेश का घटिया तरीका है, जिसमें निवेशक को शुरुआत में ही करीब 6% तक का नुकसान हो जाता है।

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    इसे लेकर बाजार नियामक सेबी (SEBI)ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि डिजिटल गोल्ड पर किसी भी सरकारी संस्था का नियंत्रण नहीं है। अगर इसे बेचने वाला प्लेटफॉर्म अचानक गायब हो जाए, तो निवेशक के पास कुछ भी नहीं बचेगा। यही वजह है कि कामथ ने इसे 'महंगा और रिस्की निवेश' बताया है।

    क्या है डिजिटल गोल्ड? (What is Digital Gold)

    फोनपे जैसे फिनटेक ऐप्स ने पिछले कुछ सालों में 'डिजिटल गोल्ड' को नए जमाने का इन्वेस्टमेंट बना दिया है। बस 10 रुपए डालिए और डिजिटल गोल्ड खरीदिए। इसे लेकर फिनटेक ऐप यह भी कहते हैं कि आपके द्वारा निवेश की गई रकम का 24 कैरेट गोल्ड आपके नाम से किसी वॉल्ट में रख दिया गया है। भारत जैसे देश में, जहां सोना भावनाओं से जुड़ा है, यह आइडिया तेजी से चला। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 में 760 करोड़ रुपए की डिजिटल गोल्ड ट्रांजैक्शन हुई थी, जो अगस्त में बढ़कर 1,180 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

    यह भी पढ़ें- 'घाटे वाली कंपनियां...', जीरोधा वाले नितिन कामथ ने IPO-वैल्यूएशन पर उठाए सवाल; समझा दिया पूरा कैलकुलेशन

    असली खतरा कहां? कामथ ने समझाया

    नितिन कामथ के मुताबिक, डिजिटल गोल्ड पूरी तरह अनरेग्युलेटेड है। डिजिटल गोल्ड खरीदते ही 3% जीएसटी और फिर 2-3% का स्प्रेड चार्जेस भी देने पड़ते हैं। यानी शुरुआत में ही निवेशक 6% घाटे में चला जाता है। यानी अगर आप 10,000 रुपए का डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं, तो सिर्फ 9,400-9,500 रुपए का ही असली गोल्ड आपके नाम पर होता है। बाकी टैक्स और फीस में चला जाता है।

    सेबी की चेतावनी और विकल्प

    सेबी ने कहा है कि भारत में गोल्ड में निवेश के नियमित और सुरक्षित तरीके पहले से मौजूद हैं, जैसे- गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs), इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (Electronic Gold Receipts- EGRs), कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड डेरिवेटिव्स आदि। लेकिन डिजिटल गोल्ड इनमें शामिल नहीं है।

    क्या है बेहतर विकल्प?

    नितिन कामथ के मुताबिक, अब जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond- SGB) बंद हो गया है, तो गोल्ड ईटीएफ सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प है। ये सेबी से रेग्युलेटेड, पारदर्शी और लिक्विड (आसानी से बेचने योग्य) हैं।

    आखिर क्या करें निवेशक?

    डिजिटल गोल्ड सुनने में आसान लगता है, लेकिन यह कानूनी सुरक्षा से बाहर का निवेश है। अगर कंपनी डूब गई, तो आपका पैसा भी डूब जाएगा। इसलिए समझदारी इसी में है कि गोल्ड में निवेश करते वक्त सिर्फ रेग्युलेटेड प्रोडक्ट्स, जैसे गोल्ड ईटीएफ या ईजीआर, को ही चुना जाए।

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