Dolly Chaiwala की मिल रही फ्रैंचाइजी, दो ही दिन में 1600 से ज्यादा हुए आवेदन, जानें आउटलेट के लिए कितनी चुकानी होगी रकम
डॉली चायवाला (Dolly Chaiwala franchise) जो अपने अनूठे अंदाज से चाय बेचने के लिए सोशल मीडिया पर मशहूर हैं अब फ्रैंचाइजी मॉडल के जरिए डॉली की टपरी का विस्तार करने जा रहे हैं। इस घोषणा के बाद 48 घंटों में 1600 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। डॉली चायवाला जिनका असली नाम सुनील पाटिल है ने इस व्यावसायिक अवसर को भारत का पहला वायरल स्ट्रीट ब्रांड बताया है।

नई दिल्ली। डॉली चायवाला (Dolly Chaiwala) एक ऐसा नाम जो अपने अलग तरह के चाय बेचने के अंदाज से सोशल मीडिया में चर्चित रहता है। हाल ही डॉली चायवाला ने माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर के साथ फोटो खिंचवा सुर्खियां बटोरी थी। अब पूरे भारत में फ्रैंचाइज़ी मॉडल के जरिए अपने ब्रांड "डॉली की टपरी" के विस्तार करने की योजना की घोषणा की है। इसने 48 घंटों के भीतर 1,600 से ज्यादा आवेदन जमा हो गए।
डॉली चायवाला के नाम से मशहूर नागपुर के चाय विक्रेता का असली नाम सुनील पाटिल है। इन्होंने अब व्यावसायिक दुनिया में कदम रखने की घोषणा की है।
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डॉली चायवाला फ्रेंचाइजी मॉडल
पाटिल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों के जरिए यह घोषणा की। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "यह भारत का पहला वायरल स्ट्रीट ब्रांड है, और अब... यह एक व्यावसायिक अवसर है। ठेलों से लेकर प्रमुख कैफे तक, हम इसे पूरे देश में लॉन्च कर रहे हैं और इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए सच्चे जुनून वाले सच्चे लोगों की तलाश कर रहे हैं। अगर आप कभी कुछ बड़ा, कुछ देसी, कुछ सचमुच शानदार बनाना चाहते थे- तो यही आपके लिए समय है। सीमित शहर...असीमित चाय। आवेदन शुरू।"
इस पोस्ट में इंस्टाग्राम स्टोरीज के जरिए एप्लिकेशन का लिंक भी शामिल है। इसमें संभावित व्यावसायिक साझेदारों के लिए तीन फ्रैंचाइजी विकल्पों की जानकारी दी गई है।
डॉली चायवाला फ्रैंचाइजी लेने का खर्च
डॉली चायवाला फ्रैंचाइजी एप्लिकेशन लिंक (Dolly Chaiwala franchise cost) में कार्ट स्टॉल 4.5 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक के विकल्प शामिल हैं।
- स्टोर मॉडल: 20 लाख रुपये से 22 लाख रुपये
- फ्लैगशिप कैफे: 39 लाख रुपये से 43 लाख रुपये
सभी मॉडल डॉली के "डॉली की टपरी" को एक वायरल सनसनी से राष्ट्रव्यापी व्यवसाय में विकसित करने के बड़े दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
डॉली चायवाला फ्रेंचाइजी की पोस्ट वायरल
फ्रैंचाइजी की घोषणा को ऑनलाइन व्यापक प्रतिक्रिया मिली। पोस्ट पर टिप्पणियों में तरह-तरह के विचार सामने आए। एक यूजर ने लिखा, "बर्गर लेगा से बर्गर बेचूँगा तक, डॉली ने एक लंबा सफर तय किया है। शुभकामनाएँ।"
कुछ अन्य लोग ज्यादा सतर्क या आलोचनात्मक थे। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "कोई फ्रैंचाइजी मत लो.. खून के आँसू रोना पड़ेगा.. पहले ही कह रहा हूँ.. इससे पैसा आएगा और दुबई जाएगा और तुम यहाँ बैंक की नीलामी में फँस जाओगे।"
नागपुर चाय की दुकान से राष्ट्रीय ब्रांड तक डॉली का सफर
डॉली चायवाला ने अपने करियर की शुरुआत नागपुर में एक चाय की दुकान पर अपने परिवार की मदद करके की थी। बिना किसी औपचारिक शिक्षा के, उन्होंने दो दशकों से भी ज्यादा समय तक सड़कों पर चाय परोसी। उनकी आकर्षक परोसने की शैली और फैशन सेंस ने धीरे-धीरे ऑनलाइन लोगों का ध्यान खीचा।
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