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    ट्रंप जिस चीज के लिए पाकिस्तान पर डाल रहे डोरे, उसे पाने में बीत जाएंगी सदियां; बलूचिस्तान से करना होगा युद्ध!

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 08:26 PM (IST)

    Trump Tariffs अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मंत्री मार्को रूबियो ने पाकिस्तान के साथ नए आर्थिक सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया है जिसमें खनिज और हाइड्रोकार्बन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने व्यापारिक साझेदारी को बढ़ावा देने की बात कही जिससे दोनों देशों के लोगों का भविष्य समृद्ध हो सके।

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    भारत को घेरने के लिए PAK के रेयर एलिमेंट्स पर ट्रंप की नजर, करने वाले हैं ये काम

    नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ नए आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों की खोज के लिए उत्सुक है, जिसमें महत्वपूर्ण खनिज और हाइड्रोकार्बन शामिल हैं। साथ ही व्यापार साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए भी तत्पर है। यह अमेरिका और पाकिस्तान के लोगों के समृद्ध भविष्य को बढ़ावा देंगी। ट्रंप प्रशासन जानबूझकर पाकिस्तान पर इस तरह के डोरे डाल रहा है ताकि वह बलूचिस्तान के खनिज पर कब्जा कर सके।

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    अमेरिका को रोकेग बलूचिस्तान?

    ट्रंप के मंत्री के बयान से यह साफ हो रहा है कि अमेरिका, पाकिस्तान को अपनी कटपुतली बनाना चाहता है। हालांकि, अमेरिका को यह पता होना चाहिए कि उसे पाकिस्तान में कुछ नहीं मिलने वाला। क्योंकि बलूचिस्तान ऐसा कभी करने नहीं देगा। वह पहले से ही पाकिस्तान से अलग होकर नए देश की घोषणा कर चुका है। बस उसे इंतजार है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मान्यता दें।

    अगर अमेरिका को पाकिस्तान से रेयर अर्थ एलिमेंट्स निकालना है तो उसे बलूचिस्ता से दो-दो हाथ करना पड़ेगा।

    अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि आतंकवाद रोधी कदम और व्यापार पर पाकिस्तान की सक्रियता की अमेरिका सराहना करता है।

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    रूबियो की पाकिस्तान के प्रति सराहना उस समय आई है, जब सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने पिछले सप्ताह अमेरिका का दूसरा दौरा किया था, जहां उन्होंने राजनीतिक और सैन्य नेताओं के साथ उच्चस्तरीय बातचीत की थी।

    इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तानी वस्तुओं पर 19 प्रतिशत टैरिफ तय किया था। साथ ही इस सप्ताह, दोनों पक्षों ने इस्लामाबाद में एक संवाद आयोजित किया था, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, आइएस खोरासान और तालिबान से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई थी।

    भारत को तेल बेचने की ख्वाइश

    जुलाई में ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ एक व्यापार समझौते का खुलासा किया था, जिसमें देश के तेल भंडार को विकसित करने के लिए एक संयुक्त प्रयास पर प्रकाश डाला गया था और सुझाव दिया था कि "किसी दिन" इस्लामाबाद नई दिल्ली को तेल बेच सकता है।

    उन्होंने कहा था, "हमने पाकिस्तान के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत दोनों देश पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार के विकास में सहयोग करेंगे। हम इस साझेदारी का नेतृत्व करने के लिए वर्तमान में एक तेल कंपनी का चयन कर रहे हैं। हो सकता है, भविष्य में, वे भारत को तेल बेचें!"

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    भारत को संभावित निर्यात के लिए पाकिस्तान को बड़े तेल भंडार विकसित करने में मदद करने का ट्रंप का दावा अति-आशावादी लगता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान के पास दुनिया के कच्चे तेल भंडार का केवल 0.02% ही है।

    पाकिस्तान प्रतिदिन लगभग 70,000 बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो भारत के उत्पादन का 10% से भी कम है। भविष्य के ऊर्जा निर्यातक के रूप में देखे जाने के बजाय, वैश्विक तेल बाजार में पाकिस्तान की वर्तमान भूमिका काफी छोटी है।