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    यहां छिपा है सोने का शहर, ढूंढने में हजारों लोगों ने गंवाई जान; सदियों से नहीं ढूंढ़ पाया कोई

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 01:30 PM (IST)

    एल डोराडो (El Dorado, The City of Gold), “सोने वाला आदमी”, दक्षिण अमेरिका के जंगलों में छिपा एक काल्पनिक शहर है। 16वीं सदी में स्पेनिश लोगों ने मुइस्का जनजाति की रस्म सुनी, जहाँ राजा सोने से ढका होता था। आधुनिक पुरातत्व के अनुसार, एल डोराडो मुइस्का संस्कृति की सोने की कारीगरी का प्रतीक था, न कि कोई वास्तविक शहर। आज भी इसका रहस्य बरकरार है।

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    एल डोराडो को माना जाता है सोने का खोया हुआ खजाना

    नई दिल्ली। शायद आपने एल डोराडो (El Dorado, The City of Gold) के बारे सुना हो। ये एक रहस्य है। एल डोराडो का शाब्दिक अर्थ है “सोने वाला आदमी”। ये दक्षिण अमेरिका के घने जंगलों में छिपा वह काल्पनिक शहर है जिसने सदियों से खोजियों, लुटेरों और सपने देखने वालों को पागल बना रखा है।
    16वीं शताब्दी में स्पेनिश लोगों ने पहली बार कोलंबिया के मुइस्का जनजाति की एक प्राचीन रस्म सुनी, जिसमें नया राजा झील गुआतावीटा में सोने की धूल से मढ़ा जाता था और झील में सोने-जवाहरात चढ़ाए जाते थे। यही “एल डोराडो” बन गया।
    अफवाहें फैलीं कि कपूरा शहर ही सोने का बना है। यह कहानी इतनी दमदार थी कि सैकड़ों अभियान शुरू किए गए, सोने के शहर को खोजने में हजारों लोग मरे, पर शहर कभी नहीं मिला। आज भी यह पृथ्वी के सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों में गिना जाता है।

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    कितनी आंकी जाती है वैल्यू

    एल डोराडो में सोने के खजाने की वैल्यू का अनुमान लगाना मुश्किल है। इतिहासकारों के अनुसार स्पेनिश कोंक्विस्टाडोर फ्रांसिस्को दे ओरेलाना और गोंसालो पिसारो ने 1541 में अमेजन की खतरनाक यात्रा शुरू की। वे महीनों तक कीचड़, बीमारियों और आदिवासी हमलों से जूझते रहे।
    ओरेलाना अमेजन तक पहुँचे, पर सोने का शहर नहीं मिला। बाद में जर्मन खोजी फिलिप फॉन हुटेन और ब्रिटिश सर वाल्टर रैले ने भी कोशिश की। रैले ने तो इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ को चिट्ठी लिखी कि उन्होंने एल डोराडो देख लिया पर वे खाली हाथ लौटे।

    170 सालों तक कुछ हाथ नहीं लगा

    सन 1580 से 1750 तक स्पेन, पुर्तगाल, ब्रिटेन, जर्मनी, सभी ने बहुत धन खर्च किया। पर नतीजा, सिर्फ मौत और निराशा। झील गुआतावीटा को 1545 में खाली करने की कोशिश हुई, बाल्टियों से पानी निकाला गया, कुछ सोने के टुकड़े भी मिले, पर शहर नहीं।
    आधुनिक पुरातत्व ने साबित कर दिया कि एल डोराडो कोई एक शहर नहीं, बल्कि मुइस्का संस्कृति की सोने की कारीगरी का चरम रूप था। कोलंबिया के म्यूजियो डेल ओरो में हजारों सोने के आभूषण रखे हैं जो बताते हैं कि मुइस्का लोग सोने को पवित्र मानते थे, धन नहीं।

    जंगल ने निगल लिए सैकड़ों “सोने के शहर”

    1969 में गुआतावीटा झील के तल से मिली “लिटिल गोल्डन बोट” उस रस्म की असली गवाह है। फिर भी, 21वीं सदी में सैटेलाइट इमेजरी और लिडार तकनीक से अमेजन में प्राचीन शहरों के अवशेष मिले हैं—जैसे कुखो शहर (2022 में खोजा गया), जहाँ सोने की कोई कमी नहीं थी।
    वैज्ञानिक मानते हैं कि जंगल ने सैकड़ों “सोने के शहर” निगल लिए, पर कोई एक “एल डोराडो” शायद कभी था ही नहीं।

    किसे मिलीं सोने की दीवारें

    फिर भी रहस्य जीवित है। 2001 में इतालवी खोजी रॉबर्टो ग्यूडो ने दावा किया कि बोलीविया के जंगलों में उन्हें सोने की दीवारें मिलीं। 2019 में कोलंबियाई नेवी ने गालेन संता मारिया जहाज का मलबा ढूँढा जिसमें 17 बिलियन डॉलर का सोना डूबा है। माना जाता है कि यही एल डोराडो का खजाना है।
    अमेजन में हर साल अवैध खनन करने वाले हजारों लोग मरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है “बस थोड़ा और अंदर जाने पर सोने की नदी मिल जाएगी”। नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री से लेकर हॉलीवुड फिल्में तक, एल डोराडो आज भी बिकता है।

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