EPFO Rule: पीएफ क्लेम के नियमों में बदलाव, Aadhaar नहीं इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
EPFO Rule Update ईपीएफओ ने क्लेम के नियमों में बदलाव किया है। अगर आप भी ईपीएफओ में क्लेम करने वाले हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए हैं। दरअसल ईपीएफओ के नियमों के अनुसार कुछ खास कर्मचारियों को अब क्लेम के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) का आवश्यकता नहीं है। हम आपको इस आर्टिकल में ईपीएफओ के नए नियम के बारे में विस्तार से बताएंगे।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से आप एक मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। वैसे तो ईपीएफओ स्कीम रिटायरमेंट के बाद मैच्योर होती है। लेकिन, कई परिस्थितियों में आप पीएफ फंड से आंशिक निकासी कर सकते हैं।
ईपीएफओ ने क्लेम प्रोसेस के नियमों को बदल दिया है। अब पीएफ क्लेम करने का प्रोसेस आसान हो गया है। जी हां, अब क्लेम करने के लिए आधार (Aadhaar) की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह नियमों केवल खास मेंबर्स के लिए ही बदला है। आइए, जानते हैं कि यह नियम किन मेंबर्स के लिए बदला है।
इन मेंबर्स को होगा लाभ
नए नियमों के अनुसार इसका लाभ उन कर्मचारियों को होगा जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। दरअसल, इन कैटेगरी के कर्मचारी बिना आधार कार्ड के भी आसानी से अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को आधार से लिंक करने की छूट दी है। ईपीएफओ ने रजिस्टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारी को छूट दिया है। यह वह कर्मचारी हैं जो कुछ समय तक भारत में काम करते थे, लेकिन बाद में वह अपने देश चले गए। चूंकि, यह भारतीय नहीं थे इस कारण इनके पास आधार कार्ड (Aadaar Card) नहीं है। ईपीफओ के नए नियम के अनुसार विदेश गए पूर्व भारतीय नागरिक जैसे- नेपाल और भूटान के नागरिकों को इस निय से लाभ होगा।
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
रजिस्टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारी कई डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से पीएफ क्लेम कर सकते हैं। वह वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट - पासपोर्ट, सिटीजन सर्टिफिकेट या कोई ऑफिशियल आईडी प्रूफ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा पैन कार्ड, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के माध्यम से भी वेरिफिकेशन हो जाएगा। 5 लाख रुपये से ज्यादा के क्लेम के लिए मेंबर को नियोक्ता से भी वेरिफिकेशन करवाना होगा।
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क्या है क्लेम का नियम (What is Claim Rule)
ईपीएफओ के क्लेम नियमों के अनुसार किसी भी क्लेम रिक्वेस्ट को अधिकारी द्वारा पहले सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी। इसके बाद स्वीकृति अधिकारी-प्रभारी (OIC) के जरिये ई-ऑफिस फाइल को मंजूरी मिलेगी। इस मंजूरी के बाद ही क्लेम का प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाएगा।
ईपीएफओ भी कर्मचारी को सलाह देता है कि वह हमेशा एक ही यूएएन नंबर को रखें। इससे पिछला सर्विस रिकॉर्ड ट्रैक करना और क्लेम मिलने में आसानी होती है।
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