US Fed Rate Cut: फेड ने ब्याज दरों में की 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी महंगाई पर लगेगी लगाम!
US Fed Rate Cut फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में एक चौथाई प्रतिशत ((interest rates federal reserve) की कटौती की तथा संकेत दिया कि वह इस वर्ष के शेष समय में उधारी लागत में लगातार कमी करेगा। इस कदम को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा केंद्रीय बैंक में नियुक्त अधिकांश लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ।

नई दिल्ली। US Fed Rate Cut: अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने ने ब्याज दरों में कटौती (interest rates federal reserve) करने का बड़ा फैसला किया। फेडरल रिजर्व ने बुधवार को इस वर्ष पहली बार ब्याज दरों में कटौती की। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने अपनी बेंचमार्क उधारी दर में एक चौथाई अंक की कटौती करते हुए इसे 4 से 4.25 प्रतिशत के नए दायरे में ला दिया है। यह पहले 4.25 से 4.50 थी। इस रेट कट को ट्रंप से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप लगातार रेट कट करने को लेकर फेड पर हमलावर थे।
US Fed Rate Cut से कम होगी महंगाई!
फेड के रेट में कटौती करने से अमेरिका में बढ़ी महंगाई पर लगाम लग सकती है। क्योंकि टैरिफ की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ी है।
इस निर्णय की घोषणा करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "हालिया संकेतक बताते हैं कि वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियों की वृद्धि धीमी रही। रोजगार में वृद्धि धीमी हुई है, और बेरोजगारी दर बढ़ी है, लेकिन कम बनी हुई है। मुद्रास्फीति बढ़ी है और कुछ हद तक उच्च बनी हुई है।"
फेड गवर्नर स्टीफन मिरान द्वारा आधे अंक की बड़ी कटौती के पक्ष में असहमति जताए जाने के बाद फेड ने ब्याज दरों में एक चौथाई अंक की कटौती की है। फेड अधिकारियों ने वर्ष के अंत में अतिरिक्त ब्याज दरों में कटौती की योजना बनाई है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब केंद्रीय बैंक अपनी स्वतंत्रता पर अभूतपूर्व हमलों से लेकर अस्थिर अर्थव्यवस्था तक, कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। विशेषज्ञ इस बात पर विभाजित हैं कि क्या अभी कटौती उचित है।
दो दिनों तक चली बैठक में जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता वाली जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार ब्याज दरों में कटौती की है। ट्रंप बार-बार फेड पर रेट कट करने का दबाव बना रहे थे। ऐसे में इस फेड रेट कट को ट्रंप से जोड़कर देखा जा रहा है।
ब्याज दरों में कटौती, और इस साल की बाकी दो नीतिगत बैठकों में दो और चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद के अनुमान, इस बात का संकेत देते हैं कि फेड के अधिकारी इस जोखिम को कम आंकने लगे हैं कि प्रशासन की अस्थिर व्यापार नीतियों से लगातार मुद्रास्फीति बढ़ेगी, और अब वे कमजोर विकास और बढ़ती बेरोजगारी की संभावना को लेकर ज़्यादा चिंतित हैं।
यह कटौती, नीति-निर्धारक फेडरल ओपन मार्केट कमेटी द्वारा दिसंबर के बाद से उठाया गया पहला कदम है, जिससे नीति दर 4.00%-4.25% के दायरे में आ गई है।
फेड ने अपने नीति वक्तव्य में कहा, "समिति अपने दोहरे अधिदेश के दोनों पक्षों के जोखिमों के प्रति सजग है और उसका मानना है कि रोज़गार के लिए नकारात्मक जोखिम बढ़ गए हैं।" "नौकरियों में वृद्धि धीमी हो गई है, और बेरोजगारी दर बढ़ गई है।"
भारतीय शेयर पर क्या असर होगा?
फेड के रेट कट से भारत के शेयर बाजार में पॉजिटिव असर देखने को मिल सकता है। गुरुवार को भारत का शेयर बाजार बढ़त के साथ खुल सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती से अमेरिकी और भारतीय एसेट के बीच यील्ड डिफरेंस में वृद्धि के कारण, इक्विटी मार्केट को बढ़ावा मिल सकता है। क्योंकि, भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बन सकते हैं।
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