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    रबी सीजन में किसानों को राहत, डीएपी और सल्फर पर बढ़ा दी सब्सिडी; सरकार देगी 37,952 करोड़ रुपए

    By National BureauEdited By: Ankit Kumar Katiyar
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 09:35 PM (IST)

    PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए फास्फोरस और सल्फर आधारित उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाकर 37,952 करोड़ रुपए कर दी है। यह वृद्धि पिछले सीजन से 14,000 करोड़ रुपए अधिक है। सरकार का लक्ष्य किसानों को सस्ती दरों पर डीएपी और अन्य उर्वरक उपलब्ध कराना है, जिससे खेती की लागत कम हो।

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    रबी सीजन में किसानों को राहत, डीएपी और सल्फर पर बढ़ा दी सब्सिडी।

    नई दिल्ली| पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त से पहले केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लिया है। रबी सीजन में किसानों को महंगे उर्वरकों से राहत देने के लिए सरकार ने फास्फोरस और सल्फर आधारित गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाकर 37,952 करोड़ रुपए कर दी है। यह राशि पिछले रबी सीजन के मुकाबले करीब 14,000 करोड़ रुपए ज्यादा है।

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    नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेंगी। सरकार का उद्देश्य किसानों को किफायती दरों पर डीएपी, एनपीकेएस और अन्य उर्वरक उपलब्ध कराना है, ताकि खेती की लागत घटे और उत्पादन बढ़े। देश के कई हिस्सों में रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है, जिनमें गेहूं, सरसों और चना प्रमुख हैं।

    यह भी पढ़ें- PM Kisan Yojana की अगली किस्त से पहले कृषि मंत्री का बड़ा एलान, MP समेत इन राज्यों को हरी झंडी; किसानों को राहत

    किसानों को महंगे उर्वरक से राहत

    कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बीते साल रबी सीजन में सब्सिडी 24,000 करोड़ रुपये थी। इस बार इसे बढ़ाकर 37,952 करोड़ रुपये किया गया है। उन्होंने कहा,

    "सरकार चाहती है कि किसानों को डीएपी और टीएसपी जैसे जरूरी उर्वरक सस्ती दर पर मिलते रहें। इसके खुदरा दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं होने दी जाएगी। सरकार पूरा बोझ खुद उठाएगी।"

    क्या हैं नई सब्सिडी दरें?

    • फॉस्फेट पर सब्सिडी- ₹43.60 से बढ़ाकर ₹47.96 प्रति किलोग्राम
    • सल्फर पर सब्सिडी- ₹1.77 से बढ़ाकर ₹2.87 प्रति किलोग्राम
    • नाइट्रोजन (₹43.02) और पोटाश (₹2.38) पर दरें पूर्ववत रहेंगी।

    मंत्री ने बताया कि इन दरों को तय करते समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों के आयात मूल्य, पोषक तत्वों की जरूरत और सरकार के अनुदान बोझ को ध्यान में रखा गया है। सरकार ने यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त (PM Kisan Yojana 21st Installment) से पहले उठाया है। माना जा रहा है कि पीएम किसान योजना (PM-KISAN) के 2-2 हजार रुपए बिहार चुनाव से पहले किसानों के खाते में आ सकते हैं।

    किसानों को सीधा लाभ

    वैष्णव ने बताया कि फास्फोरस और सल्फर के दामों में करीब 10% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि नाइट्रोजन और पोटाश के दाम स्थिर हैं। ऐसे में बढ़ी हुई सब्सिडी से किसानों को सीधा फायदा मिलेगा और बाजार में उर्वरकों की कीमतें स्थिर रहेंगी।

    क्या है एनबीएस योजना?

    सरकार की यह सब्सिडी 'पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (Nutrient Based Subsidy- NBS) योजना' के तहत दी जाती है, जो अप्रैल 2010 से लागू है। इसके तहत उर्वरक कंपनियों को प्रति किलोग्राम पोषक तत्व पर तय राशि दी जाती है, ताकि वे किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक बेच सकें। इसके अलावा सरकार परिवहन और वितरण पर भी मालभाड़ा सब्सिडी देती है, जिससे देश के दूरदराज इलाकों में भी किसानों को उर्वरक समय पर और सस्ती कीमत पर मिल सके।