Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fund of Funds: एक निवेश, अनेक मौके, क्या है निवेश का यह यूनिक तरीका

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 04:27 PM (IST)

    फंड ऑफ फंड्स (FoFs) एक विशेष म्यूचुअल फंड है जो अन्य म्यूचुअल फंड में निवेश करता है जिससे पोर्टफोलियो में विविधता आती है। यह विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके जोखिम को कम करता है और वोलैटिलिटी में संतुलन बनाए रखता है। विशेषज्ञ मंजू जिंदल के अनुसार यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो स्थिर और दीर्घकालिक विकास चाहते हैं।

    Hero Image
    रिटेल निवेशक स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, गोल्ड और रियल स्टेट में निवेश कर रहा है और रिटर्न कमा रहा है।

    नई दिल्ली। निवेश करके बेहतरीन रिटर्न प्राप्त करने की इच्छा हम सभी में हैं, लेकिन हम सुरक्षा भी देखते हैं, ताकि इन्वेस्ट किया गया हमारा पैसा डूबे नहीं। आज हमारे पास निवेश करने के कई ऑप्शन्स हैं। रिटेल निवेशक स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, गोल्ड और रियल स्टेट में निवेश कर रहा है और रिटर्न कमा रहा है। इसके अलावा भी निवेश के कई ऑप्शन्स हैं, जो निवेशकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। ऐसा ही एक ऑप्शन है Fund of Funds (FoFs), जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड से अलग है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फाइनेंस के फंडे शो में विशेषज्ञ मंजू जिंदल (CFE, MD – Jindal Investments) ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।

    Fund of Funds (FoFs) क्या हैं?

    पारंपरिक फंड सीधे स्टॉक या बॉन्ड में निवेश करते हैं। FoFs सीधे स्टॉक या बॉन्ड में नहीं, बल्कि अन्य म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। मंजू जिंदल कहती हैं - “FoFs को “Umbrella Fund” कहा जा सकता है, जिसमें डेट, इक्विटी, हाइब्रिड और इंटरनेशनल फंड्स शामिल हो सकते हैं। पारंपरिक फंड एक ही रणनीति पर चलते हैं, जबकि FoFs कई रणनीतियों और अलग-अलग फंड मैनेजर्स के अनुभव का लाभ उठाते हैं।”

    Fund of Funds के मुख्य फायदे

    विविधता: FoFs एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम है जो निवेशकों के धन को एकत्रित करके, उसे अन्य म्यूचुअल फंडों में निवेश करके पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification ) लाती है। इससे निवेश कई एसेट क्लास में बंट जाता है और जोखिम कम रहता है।

    वोलैटिलिटी में संतुलन: गिरता हुआ मार्केट हमें परेशान करता है, इसलिए हम उन्हीं सेक्टर में पैसा लगाते हैं, जहां ग्रोथ दिखती है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। मार्केट गिरती है तो नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन फंड ऑफ फंड्स वोलैटिलिटी में संतुलन प्रदान करता है। इसमें अगर एक सेक्टर गिरता है, तो दूसरा एसेट क्लास पोर्टफोलियो को संतुलित कर देता है।

    स्थिर और दीर्घकालिक वृद्धि की संभावना- कई निवेशक ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते हैं। उनकी इच्छा एक स्टेबल और लॉन्ग टर्म ग्रोथ की रहती है। इसमें फंड ऑफ फंड्स उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। यह ग्रोथ से समझौता किए बिना रिस्क को अच्छी तरह से प्रबंधित करने में मदद करता है।

    प्रोफेशनल मैनेजमेंट: म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने का फायदा यह है कि इसमें आप सीधे निवेश नहीं करते हैं, बल्कि आप फंड मैनेजर की मदद लेकर अपने पैसे को मार्केट में लगाते हैं। उसी तरह फंड ऑफ फंड्स में भी आपको फंड मैनेजर मिलता है। वह अपने एक्सपीरियंस के साथ आपके फंड की रीबैलेंसिंग और एलोकेशन करते हैं, जिससे आपको फायदा मिलता है।

    Fund of Funds में निवेश से पहले क्या देखें?

    Fund of Funds में निवेश करने से पहले कई बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। इसमें Underlying Funds का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड बहुत मायने रखता है, जहां ग्रोथ में निरंतरता जरूरी है। एसेट एलोकेशन पर स्ट्रेटेजी बनाए, जिससे फाइनेंशियल गोल को प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न न हो। यह ध्यान दें कि ऐसे फंड लिक्विडिटी की सुविधा दे, जिससे जरूरत पड़ने पर कभी भी बाहर निकला जा सके यानी फंड यूनिट को बेचने की सुविधा हो।

    मार्केट गिरावट के दौरान Fund of Funds

    आर्थिक मंदी आपके निवेश पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि इन्वेस्टेड रहें और घबराहट में बेचने से बचें। मंजू जिंदल कहती हैं, “फंड ऑफ फंड्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ऑटोमैटिकली वोलैटिलिटी को कुशन प्रदान करता है। इसमें इक्विटी मार्केट के गिरने पर, डेट/गोल्ड फंड्स पोर्टफोलियो को स्थिर करते हैं। इसमें निवेशकों को मल्टी-एसेट एक्सपोजर मिलता है, जहां रिस्क मैनेज रहता है और रिटर्न स्थिर।

    Fund of Funds का टैक्सेशन

    फंड ऑफ फंड्स इक्विटी जैसा दिखता है, लेकिन टैक्सेशन अलग है। अगर होल्डिंग पीरियड 2 साल से कम है तो इसमें कैपिटल गेन आपके इनकम स्लैब के अनुसार होगा। वहीं, होल्डिंग पीरियड 2 साल से ज्यादा है तो कैपिटल गेन 12.5% (बिना इंडेक्सेशन) लगेगा।

    पोर्टफोलियो में एलोकेशन

    अपने रिस्क क्षमता और समय सीमा के आधार पर हम अपने निवेश को अलग-अलग इन्वेस्टमेंट में एलोकेट करते हैं। अगर अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा फंड ऑफ फंड्स में लगाना चाहते हैं तो इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि आप कुल पोर्टफोलियो का 20–25% FoFs में लगाएं। यह एलोकेशन उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो खुद सक्रिय रूप से कई फंड्स मैनेज नहीं कर पाते। फंड ऑफ फंड्स युवा और लॉन्ग-टर्म निवेशक दोनों के लिए उपयुक्त है। यह शादी, हायर स्टडीज, रिटायरमेंट जैसे लॉन्ग टर्म लक्ष्यों के लिए उपयोगी साबित होगा।

    निवेश को लेकर एक लोकप्रिय बात कही जाती है कि “सभी अंडे एक ही टोकरी में न रखें”। यहां FoFs इस सिद्धांत को आसान बनाता है। आज के वोलाटाइल मार्केट में फंड ऑफ फंड्स निवेशकों के लिए भरोसा बन सकता है। निवेशक जरूर इसे प्राथमिकता दें। हालांकि, निवेशक फ्लेक्सी-कैप फंड्स भी चुने सकते हैं, लेकिन FoFs ज्यादा सुविधाजनक है, क्योंकि फंड मैनेजर खुद एलोकेशन रीबैलेंस करते हैं। यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जो एक निवेश से मल्टीपल डाइवर्सिफिकेशन चाहते हैं।

    Fund of Funds पर एक्सपर्ट की राय समझने के लिए यह वीडियो देखें