गौतम अदाणी की कंपनी ने खुद ही किया अपना नुकसान? 2 पावर प्रोजेक्ट रद्द; दो राज्यों के विवाद से जुड़ा है मामला
गौतम अदाणी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd ) आंध्र प्रदेश में दो पावर प्रोजेक्ट (Adani power projects) कुरुकुट्टी (1200 मेगावाट) और कर्रीवालसा (1000 मेगावाट) पर अब काम नहीं करेगी। क्योंकि इसे सरकार ने रद्द कर दिया है। कंपनी ने खुद ही सरकार से दोनों परियोजनाओं को रद्द करने की अपील की थी।

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd ) के अनुरोध पर उसके दो पावर प्रोजेक्ट (Adani power projects) को रद्द कर दिया है। राज्य के मुख्य सचिव के. विजयानंद ने बताया कि कुरुकुट्टी (1,200 मेगावाट) और कर्रीवालसा (1,000 मेगावाट) नामक परियोजनाओं को स्थानीय मुद्दों के कारण रद्द कर दिया गया।
अदाणी ग्रुप ने खुद ही इन परियोजनाओं को सरकार से रद्द करने का अनुरोध किया था। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद इन दोनों ही परियोजनाओं को रद्द करने का कारण बना।
इसलिए कंपनी नहीं कर पा रही थी काम
आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद को लेकर अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड दोनों ही प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर पा रही थी। 2024 में अदाणी ग्रुप ने सरकार को पत्र लिखकर यह बताया था कि आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद की वजह से काम करना मुश्किल हो रहा है।
इसी कारण Adani Green Energy Ltd ने सरकार से दोनों ही परियोजनाओं को रद्द करने और पहले से दिए गए चार्ज को वापस करने या फिर उसे अन्य प्रोजेक्ट पेडाकोटा (1000 मेगावाट) और रायवाड़ा (600 मेगावाट) में शामिल करने की मांग की थी।
आंध्र प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास निगम (NREDCAP) ने इन परियोजनाओं को लेकर रिपोर्ट तैयार की थी। टीसीई लिमिटेड भी इस प्रक्रिया में शामिल था।
AGEL सर्वेक्षण, जांच और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिम्मेदार था। 15 मई, 2025 को, एजीईएल ने सीमा विवादों के कारण सर्वेक्षण गतिविधियों में बाधा उत्पन्न होने के कारण कुरुकुट्टी और कर्रिवालसा परियोजनाओं को रद्द करने का फिर से अनुरोध किया।
NREDCAP ने किया AGEL की रिपोर्ट का समर्थन
AGEL की रिपोर्ट का NREDCAP के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. कमलाकर बाबू ने समर्थन किया। उन्होंने सरकार से इन परियोजनाओं को समाप्त करने पर विचार करने का आग्रह किया। डेवलपर की गलती न होने पर सरकार ने इन दोनों विद्युत परियोजनाओं को रद्द कर दिया।
इन दोनों ही परियोजनाओं को रद्द किए जाने से अदाणी समूह को नुकसान तो हुआ लेकिन अगर आगे चलकर इन दोनों परियोजनाओं में और दिक्कत आती तो यह नुकसान और अधिक हो जाता। शायद इसलिए कंपनी ने समय से पहले ही कुरुकुट्टी (1,200 मेगावाट) और कर्रीवालसा (1,000 मेगावाट) नामक परियोजनाओं को रद्द करने की मांग की थी।
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