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    आरबीआई के इस कदम से बदल जाएगा Gold loan में कामकाज का तरीका, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का दावा

    एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार आरबीआई के गोल्ड लोन नियमों में बदलाव से व्यापार मॉडल में परिवर्तन आएगा। नए नियमों में एलटीवी को संशोधित किया गया है जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि एनबीएफसी को कर्ज लेने वालों की उधार चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए जोखिम प्रबंधन नीतियां विकसित करनी होंगी।

    By Agency Edited By: Skand Vivek Dhar Updated: Thu, 19 Jun 2025 07:03 PM (IST)
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    आरबीआई के इस कदम से बदल जाएगा Gold loan में कामकाज का तरीका, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का दावा

    पीटीआई,  नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि आरबीआइ की ओर से गोल्ड लोन को लेकर जारी नियमों से इस सेक्टर के बिजनेस मॉडल में आमूलचूल बदलाव आ जाएगा। साथ ही परिचालन में तेजी, सेवा उत्कृष्टता कर्ज देने वालों के बीच मुख्य अंतर बने रहेंगे।

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    आरबीआइ ने इस महीने की शुरुआत में गोल्ड लोन के लिए लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) को लेकर नए नियम जारी किए थे। नए नियमों में 2.5 लाख रुपये ते के लिए एलटीवी को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत, 2.5 से पांच लाख रुपये तक के लिए 80 प्रतिशत और पांच लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए एलटीवी को 75 प्रतिशत किया गया था। गिरवी रखे गए सोने पर मिलने वाले कर्ज की मात्रा को एलटीवी कहा जाता है।

    यह नए नियम एक अप्रैल 2026 से लागू होंगे। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ का कहना है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को आय और नकदी प्रवाह के आधार पर कर्ज लेने वालों की उधार चुकाने की क्षमताओं का मूल्यांकन करने के लिए जोखिम प्रबंधन नीतियां और प्रक्रियाएं विकसित करने की जरूरत है।

    उन्होंने कहा कि अभी कर्ज देने वाली कंपनियां या बैंक परंपरागत रूप से गारंटी मूल्यांकन पर निर्भर रहे हैं। पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करने के लिए ऋण अधिकारियों को नियुक्त करने और प्रशिक्षित करने के लिए कौशल अंतर को पाटना इनके लिए एक प्रारंभिक लागत और एक बाधा दोनों है।