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    और सस्ती होंगी जरूरी दवाएं व मेडिकल प्रोडक्ट्स, सरकार ने कहा हम टैक्स कम करने के लिए तैयार

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 07:22 PM (IST)

    नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि केंद्र में एक सुनने वाली सरकार है, जो फीडबैक, सुझावों और विचारों को स्वीकार करती है। मोदी सरकार जरूरी दवाओं और मेडिकल उत्पादों पर शुल्क या उपकर में और कटौती करने के लिए तैयार है, ताकि ज्यादा दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हों।

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    केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कही जरूरी दवाओं पर ड्यूटी कम करने की बात

    नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने कहा है कि केंद्र सरकार जरूरी दवाओं और मेडिकल उत्पादों पर शुल्क या उपकर में और कटौती करने के लिए तैयार है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हों। दिल्ली में एक कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र को दवाओं और उत्पादों पर उद्योग से विशिष्ट जानकारी हासिल करने में खुशी होगी, जिन्हें शुल्कों में और कमी से लाभ हो सकता है।

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    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस उद्योग को आश्वासन दिया कि यह एक सुनने वाली सरकार है, जो फीडबैक, सुझावों और विचारों को स्वीकार करती है, तथा घरेलू स्वास्थ्य सेवा वितरण और मेडिकल वैल्यू ट्रैवल दोनों को मजबूत करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    हेल्थ इंश्योरेंस पर GST कम होने से फायदा

    पीयूष गोयल ने बताया कि भारत के हेल्थकेयर सर्विस सेक्टर को मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत करने, तथा चिकित्सा उपकरणों, कैंसर देखभाल दवाओं और कई आवश्यक दवाओं पर शुल्क कम करने से लाभ हुआ है, जिससे नागरिकों के लिए उपचार अधिक सुलभ और सस्ता हो गया है।

    पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का हेल्थकेयर सर्विस मॉडल समावेशी और समतामूलक होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे ढर्रे पर चलने वाली व्यवस्था नहीं अपना सकते जहां स्थानीय नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित रखा जाए और केवल अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा पर्यटन पर ध्यान केंद्रित किया जाए।"

    पीयूष गोयल ने मेडिकल टूरिस्ट के लिए वीजा ऑन अराइवल और ई-वीजा सुविधाओं के संबंध में सुझावों का स्वागत किया तथा कहा कि भारत पहले से ही कई देशों को ऐसी सुविधाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पताल 10 प्रतिशत तक विदेशी मरीजों को अनुमति देने पर विचार कर सकते हैं, जबकि रेवेन्यू का एक हिस्सा आयुष्मान भारत कार्यक्रम या वंचित वर्गों को लाभ पहुंचाने वाली CSR गतिविधियों में योगदान दे सकते हैं।

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