PM Kisan 21 Installment इंतजार के बीच कौन सा गिफ्ट देने की हो रही तैयारी, कृषि मंत्री ने किया ये बड़ा इशारा
सरकार अगले बजट सत्र में बीज की गुणवत्ता को विनियमित करने के लिए एक सख्त कानून लाने की योजना बना रही है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर इनपुट सुनिश्चित करना है। घटिया बीजों की बिक्री रोकने के लिए कड़े प्रावधान होंगे। सरकार एकीकृत खेती को बढ़ावा देगी और किसानों को कृषि के साथ मुर्गी पालन और डेयरी जैसे व्यवसायों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

नई दिल्ली। सरकार अगले साल की शुरुआत में संसद के बजट सत्र के दौरान बीज की गुणवत्ता को विनियमित करने के लिए कड़े प्रावधानों वाला कानून पेश करने की योजना बना रही है।
किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि इन संशोधनों का उद्देश्य कृषक समुदाय के लिए गुणवत्तापूर्ण इनपुट सुनिश्चित करना है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को कहा कि देश की लगभग 46 प्रतिशत आबादी अभी भी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है और किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त का पैसा 4 राज्यों के किसानों को मिल गया है। उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की वजह से खेती किसानी प्रभावित हुई, जिसके चलते केंद्र सरकार ने इन राज्यों के किसानों को 21वीं किस्त का पैसा भेज दिया। वहीं, अभी बाकी के राज्य के किसानों को इसका इंतजार है। लेकिन PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है।
चौहान ने कहा, ‘‘हम संसद के बजट सत्र (2026 की शुरुआत में) में बीज कानून लाने जा रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि घटिया गुणवत्ता वाले बीजों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाने के लिए कड़े प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों की अनुमति नहीं है और बेहतर किस्मों को विकसित करने के लिए अनुसंधान चल रहा है।
केंद्र सरकार के स्तर पर बीज अधिनियम में संशोधन पर अभी भी सक्रिय रूप से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक इसे औपचारिक रूप से अधिनियमित या कानून के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है। सरकार का ध्यान, बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और घटिया या नकली बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए अनिवार्य ट्रेसेबिलिटी (उत्पत्ति स्थल), प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रावधानों को लागू करने पर केंद्रित है।
हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने लाए बीज कानून
इस बीच, हरियाणा और पंजाब सहित कुछ राज्यों ने वर्ष 2025 में अपने-अपने बीज अधिनियमों में स्वतंत्र रूप से संशोधन किया है, जिसमें उल्लंघन के लिए कठोर दंड और बेहतर प्रवर्तन उपाय शामिल हैं।
किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए, चौहान ने कहा कि सरकार एकीकृत खेती को बढ़ावा देगी और उन्हें कृषि के साथ-साथ मुर्गी पालन और डेयरी जैसी संबद्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मौजूदा समय में, देश भर में 10 लाख एफपीओ हैं, जिनसे 53 लाख किसान जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का वार्षिक कारोबार एक करोड़ रुपये का है।
दो करोड़ किसानों को एफपीओ में लाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि दो करोड़ किसानों को एफपीओ में लाने का लक्ष्य है। राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इस कार्यक्रम में 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक प्रगतिशील किसानों, एफपीओ, कार्यान्वयन एजेंसियों और क्लस्टर-आधारित व्यावसायिक संगठनों ने भाग लिया।

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