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    E-Commerce नियमों के ड्राफ्ट पर सुझाव के लिए समयसीमा बढ़ी, पहले 6 जुलाई तक दिया गया था समय

    By NiteshEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jul 2021 08:14 AM (IST)

    कंपनियों को चीफ कंप्लायंस आफिसर/ग्रीवांस रिड्रेसल आफिसर की भी नियुक्ति करनी होगी। भारत में कारोबार करने की इच्छुक सभी ई-कामर्स कंपनियों को उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के समक्ष अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराने का प्रविधान भी इसमें शामिल है।

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    Govt extends timeline for feedback on draft e commerce rules to July 21

    नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कामर्स) नियम, 2020 में प्रस्तावित संशोधनों पर सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए समयसीमा 21 जुलाई तक बढ़ा दी है। पहले इस पर सुझाव के लिए छह जुलाई तक का समय दिया गया था। उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से तीन जुलाई को बुलाई गई बैठक में कई ई-कामर्स कंपनियों ने सरकार से टिप्पणियों के लिए समयसीमा बढ़ाने की अपील की थी। इस ड्राफ्ट को मंत्रालय ने 21 जून को जारी किया था। इसके तहत ई-कामर्स प्लेटफार्म की अनुचित गतिविधियों पर लगाम लगाना संभव होगा।

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    कंपनियों को चीफ कंप्लायंस आफिसर/ग्रीवांस रिड्रेसल आफिसर की भी नियुक्ति करनी होगी। भारत में कारोबार करने की इच्छुक सभी ई-कामर्स कंपनियों को उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के समक्ष अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराने का प्रविधान भी इसमें शामिल है। किसी सरकार एजेंसी द्वारा जानकारी मांगने पर कंपनियों को 72 घंटे के भीतर जवाब देना होगा।

    पिछले हफ्ते, अमेजन, टाटा समूह, फ्लिपकार्ट, पेटीएम और स्नैपडील सहित शीर्ष कंपनियों ने सरकार से संपर्क कर समय सीमा को इस महीने के अंत तक या कम से कम 20 दिनों तक बढ़ाने का अनुरोध किया। यह कई उद्योग लॉबी समूहों की भी मांग थी।

    ई-कॉमर्स फर्मों ने सरकार से यह भी कहा था कि ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर फिर से विचार करने की जरूरत है और यह भी चिंता जताई कि नियमों में प्रस्तावित बदलावों का उनके व्यापार मॉडल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।