'GST छूट को ढंग से दिखाएं', 400 उत्पाद सस्ते होने से पहले सरकार का रिटेलर्स को फरमान; नहीं मानी बात तो क्या होगा?
सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म लागू होने से पहले रिटेलर्स को खास निर्देश दिया है जिसके तहत उन्हें टैक्स रेट में होने वाले बदलाव के कारण प्रोडक्ट्स पर मिलने वाली छूट (GST discount transparency) को अच्छी तरह से दिखाने को कहा गया है। सरकार ने रिटेलर्स से कहा है कि वे इस छूट का विज्ञापन भी करें। वहीं उच्च प्रभाव वाले उत्पादों खास ध्यान देने को कहा गया है।

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने खुदरा विक्रेताओं (Retail Sellers) को निर्देश दिया है कि वे हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST Rate Change) की दरों में किए गए बदलाव (GST Reforms) के कारण मिलने वाली छूट को प्रमुखता के साथ प्रदर्शित करें और उसका विज्ञापन भी करें।
इसके लिए मंत्रालय की तरफ से भारतीय खुदरा विक्रेता संघ को एक पत्र भी भेजा गया है, जिसमें उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने कहा कि खुदरा विक्रेताओं को रसीद/बिल में जीएसटी में कमी को जीएसटी छूट के रूप में डिस्प्ले करना है और उच्च प्रभाव वाले उत्पादों (High Impact Products) पर स्पेशल ध्यान देना है।
किस डिस्प्ले करनी है छूट
डीपीआईआईटी ने कहा, ‘अपने नेटवर्क के जरिए वे ‘जीएसटी के कारण छूट’ को प्रमुखता से प्रदर्शित करें और उसका विज्ञापन करें। उदाहरण के लिए - अपने रिटेल नेटवर्क के जरिए पोस्टर/फ्लायर्स और विज्ञापन (प्रिंट, टीवी और ऑनलाइन) के माध्यम से ऐसा किया जाना चाहिए।’’
विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि इस त्योहारी सीजन के दौरान बिक्री के आंकड़ों पर नजर रखी जाए और विभिन्न माध्यमों से इसकी जानकारी दी जाए।
करीब 400 प्रोडक्ट होंगे सस्ते
22 सितंबर को यानी इस साल आगामी नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी में बदलाव लागू होने पर साबुन से लेकर कार, शैंपू से लेकर ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर तक, लगभग 400 उत्पाद सस्ते (Cheaper Consumer Goods) हो जाएंगे। गौरतलब है कि 22 सितंबर से, जीएसटी स्लैब स्ट्रक्चर बदल जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने टैक्स अथॉरिटीज को भी नए स्ट्रक्चर, इसके प्रभाव और ग्राहकों को लाभ सुनिश्चित हो, इस पर नजर रखने को कहा है।
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इन चीजों पर नहीं लगेगा टैक्स
22 सितंबर से आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत और बाकी सभी उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। 12 और 28 प्रतिशत की मौजूदा स्लैब को हटा दिया गया है। नए जीएसटी फ्रेमवर्क में ज्यादातर रोजमर्रा की खाने-पीने की चीजें और किराना सामान पांच प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आ जाएंगे, जबकि ब्रेड, दूध और पनीर पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
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