GST Rate Cut से एसी और टीवी-फ्रिज से लेकर कारें तक कितनी सस्ती होंगी, जानिए पूरी डिटेल
GST Rate Cut वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 और 21 अगस्त को जीएसटी पर मंत्री समूह की बैठक को संबोधित करेंगी। इस बैठक में जीएसटी के नए ढांचे को प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्री समूह की मंजूरी के बाद जीएसटी काउंसिल में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। काउंसिल की बैठक सितंबर में निर्धारित है।
वस्तु एवं सेवा कर में बदलाव (GST Reforms) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद इंडस्ट्री ने सरकार से आग्रह किया है कि वह टैक्स ढांचे में बदलाव को जल्दी अंजाम दे। इंडस्ट्री का कहना है कि इस ऐलान के बाद लोग दरों में बदलाव का इंतजार करेंगे और फिलहाल खरीदारी से बचेंगे। इसलिए अभी से लेकर सितंबर के अंत तक मांग कम हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक जीएसटी की दो दरें होंगी- 5% की स्टैंडर्ड दर और 18% की मेरिट दर। प्रस्ताव के अनुसार 40% स्लैब अधिकतम होगा और इसमें 5-7 वस्तुएं ही आएंगी। इनमें लक्जरी कारें, पान मसाला, तंबाकू जैसे उत्पाद और ऑनलाइन गेमिंग जैसी सर्विसेज होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार, 20 अगस्त को जीएसटी पर राज्यों के मंत्री समूह को संबोधित करेंगी। दिल्ली में यह बैठक 20 और 21 अगस्त को होनी है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 6 सदस्यों वाले मंत्री समूह के संचालक हैं। बाकी सदस्यों में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल शामिल हैं।
केंद्र के प्रस्ताव को मंत्री समूह की बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद इसे जीएसटी काउंसिल में पेश किया जाएगा। काउंसिल की अगली बैठक सितंबर में निर्धारित है। केंद्रीय वित्त मंत्री इस काउंसिल की प्रमुख हैं। सभी सभी राज्यों के वित्त मंत्री इसके सदस्य होते हैं।
कंज्यूमर ड्यूरेबल के दाम कितने घटेंगे
एयर कंडीशनर जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल पर टैक्स की दर 28% से घटाकर 18% की जा सकती है। स्लैब में बदलाव से इनकी कीमत 1500 रुपये से 2500 रुपये तक कम हो सकती है। रिस्ट्रक्चरिंग में 32 इंच से अधिक आकार के टीवी पर टैक्स की दर 28% से घटाकर 18% किए जाने की संभावना है।
एसी बनाने वाली ब्लूस्टार कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर बी त्यागराजन ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जीएसटी दरों में बदलाव को जल्द से जल्द लागू करे। उन्होंने कहा कि अब अगस्त और सितंबर में कोई भी रूम एसी नहीं खरीदेगा, क्योंकि ग्राहक जीएसटी दरों में गिरावट का इंतजार करेंगे। तब तक कंपनियों की बिक्री बहुत धीमी रहेगी।
मॉर्गन स्टैनले ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी दरों में बदलाव से भारत में घरेलू मांग बढ़ेगी। विभिन्न वस्तुओं के दाम घटने से महंगाई दर में भी गिरावट आएगी। हालांकि तत्काल बिक्री में गिरावट की संभावना है, क्योंकि खरीदार नई जीएसटी दरों के लागू होने का इंतजार करेंगे। लेकिन नई दरें लागू होने के बाद डिमांड काफी तेजी से बढ़ाने की उम्मीद है।
कीमतों में अंतर के सवाल पर त्यागराजन ने कहा कि दाम 10% घटने की उम्मीद है। हालांकि पैनासोनिक लाइव सॉल्यूशंस इंडिया के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि अगर एसी तथा अन्य अप्लायंसेज पर जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% की जाती है, तो कीमत 6-7% कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि मॉडल के आधार पर कीमतों में 1500 से 2500 रुपये तक का अंतर आ सकता है।
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में अप्लायंसेज बिजनेस के प्रमुख कमल नंदी ने बताया कि अभी एयर कंडीशनर पर 28% और रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग, मशीन, माइक्रोवेव जैसे अन्य अप्लायंसेज पर 18% जीएसटी लगता है। अभी भारत में एयर कंडीशनर का पेनिट्रेशन 9-10% है। जीएसटी कम होने पर ज्यादा लोग इसे अफोर्ड कर सकेंगे।
कई ग्लोबल ब्रांड के लिए टेलीविजन बनाने वाली कंपनी सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने बताया कि दरें कम होने से विभिन्न ब्रांड की बिक्री 20% बढ़ सकती है। एसी और 32 इंच से बड़े स्मार्ट टीवी के लिए यह अच्छी बात है। अभी इन दोनों पर 28% जीएसटी लगता है।
छोटी कारों पर जीएसटी 28% से घटकर 18% होगी
केंद्र सरकार ने छोटी पेट्रोल-डीजल कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव दिया है। अभी इन पर 28% टैक्स लगता है। इससे मारुति तथा अन्य कंपनियों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
पेट्रोल वाहनों में 1200 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली कारों और डीजल में 1500 सीसी से कम क्षमता वाली कारों को छोटी कार माना जाता है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में बिके कुल 43 लाख करोड़ यात्री वाहनों में लगभग एक-तिहाई हिस्सा इनका था।
हाल के वर्षों में छोटी कारों की बिक्री धीमी हुई है और खरीदार एसयूवी की ओर आकर्षित हुए हैं। यही कारण है कि कार मार्केट में मारुति का हिस्सा, जो कभी 50 प्रतिशत से अधिक रहता था, वह घटकर 40 से प्रतिशत के आसपास रह गया है।
ज्यादा इंजन क्षमता वाली कारों पर अभी 28% जीएसटी के अलावा 22% अतिरिक्त लेवी लगता है। इस तरह उन पर कुल टैक्स की दर 50% हो जाती है। इनके लिए 40 से प्रतिशत की अधिकतम दर निर्धारित की जा सकती है।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी दरों में बदलाव से भारत में दीर्घकाल में गाड़ियों की मांग बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार यात्री वाहनों की बिक्री से साल में 14 से 15 अरब डॉलर का जीएसटी कलेक्शन होता है, दोपहिया वाहनों से यह कलेक्शन लगभग 5 अरब डॉलर का होता है। इसका आकलन है की छोटी कारों की कीमत 8% और बड़ी कारों की 3-5% कम हो सकती है।
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सबसे ज्यादा राजस्व 18% स्लैब से
केंद्र सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक अभी 12% स्लैब में जो वस्तुएं हैं उनमें से 99% वस्तुएं 5% स्लैब में चली जाएंगी। इसके अलावा 28% स्लैब की 90% वस्तुएं 18% स्लैब में चली जाएंगी। सर्विसेज पर 18% टैक्स जारी रहने की उम्मीद है। आगे 18% के स्लैब से ही सबसे अधिक जीएसटी संग्रह की उम्मीद है। अभी 5% स्लैब से जीएसटी का 7% रेवेन्यू, 18% स्लैब से 65% रेवेन्यू, 12% स्लैब से 5% रेवेन्यू और 28% स्लैब से 11% रेवेन्यू मिलता है।
भारत में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। अभी इसमें टैक्स की चार दरें हैं- 5%, 12%, 18% और 28 प्रतिशत। केंद्र सरकार के प्रस्ताव के अनुसार नई व्यवस्था में सिर्फ दो, 5% और 18% स्लैब होंगे। मॉर्गन स्टैनली का आकलन है कि जीएसटी दरों में कटौती से मिलने वाली राहत जीडीपी के 0.5% से 0.6% के बराबर होगी। इससे खुदरा महंगाई 0.4% कम हो सकती है।
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