ये है देश की सबसे बड़ी चांदी की उत्पादक, दुनिया में तीसरा नंबर; बिहार का लाल है इसका मालिक
भारत में चांदी का काफी उत्पादन (Silver Production in India) होता है जिसमें हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) नंबर 1 है। HZL की भारत के कुल चांदी उत्पादन में लगभग 95% हिस्सेदारी है। वेदांता इसकी पैरेंट कंपनी है। HZL अगले 2 वर्षों में 1000 टन चांदी उत्पादन की योजना बना रही है। कंपनी 40 से अधिक देशों को चांदी का निर्यात करती है। कंपनी का शेयर 463 रुपये पर है।

नई दिल्ली। भारत में चांदी का बड़े पैमाने पर उत्पादन (Silver Production in India) होता है। साल 2024 में भारत में चांदी का उत्पादन करीब 700 टन रहा था। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) भारत की सबसे बड़ी चांदी उत्पादक कंपनी है और दुनिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेडेट चांदी उत्पादकों में से एक है।
ये दुनिया में चांदी के उत्पादन के मामले में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। पर इसका मालिक कौन है, आइए जानते हैं।
देश का 95% उत्पादन इसके पास
HZL देश की एकमात्र इंटीग्रेटेड चांदी उत्पादक कंपनी भी है। इसी के चलते HZL की भारत के कुल चांदी उत्पादन में लगभग 95% हिस्सेदारी है। बता दें कि HZL की पैरेंट कंपनी है वेदांता, जिसके फाउंडर चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal Net Worth) हैं।
अनिल अग्रवाल फिलहाल लंदन में रहते हैं, मगर उनका जन्म पटना, बिहार में हुआ था। उनकी नेटवर्थ इस समय करीब 13203 करोड़ रुपये है।
कितना है चांदी का उत्पादन
वित्त वर्ष 2023-24 में हिंदुस्तान जिंक ने 746 मीट्रिक टन का रिकॉर्ड रिफाइंड चांदी उत्पादन दर्ज किया। कंपनी ने अगले 2 वर्षों में 1000 टन चांदी उत्पादन की योजना बनाई है और अगले 5-6 वर्षों में 1500 टन उत्पादन करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।
40 देशों में एक्सपोर्ट
एचजेडएल एक फुली इंटीग्रेटेड प्रोड्यूसर के तौर पर बिजनेस करती है,जो माइनिंग से लेकर एलबीएमए-सर्टिफाइड पंतनगर रिफाइनरी जैसी अपनी सुविधाओं में चांदी की रिफाइनिंग तक का काम संभालती है। कंपनी 40 से अधिक देशों को चांदी का निर्यात भी करती है।
सरकार ने बेची थी हिस्सेदारी
हिंदुस्तान जिंक की शुरुआत एक सरकारी कंपनी के तौर पर 59 साल पहले सन 1966 में हुई थी। मगर फिर इसे वेदांता ने खरीद लिया। अब कंपनी में 61.84% हिस्सेदारी वेदांता की है, जबकि भारत सरकार के पास 27.92% हिस्सेदारी है।
कितनी है मार्केट कैपिटल
HZL एक लिस्टेड कंपनी है। इसका शेयर 463 रुपये पर है, जबकि BSE पर कंपनी की मार्केट कैपिटल 1.96 लाख करोड़ रुपये है। हिंदुस्तान जिंक चांदी के लिए भारत की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है और बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने की स्थिति में है।
चांदी के अलावा हिंदुस्तान जिंक कई प्रकार की धातुओं और मूल्यवर्धित उत्पादों का उत्पादन करती है, जिनमें उच्च शुद्धता वाला रिफाइंड जिंक और रिफाइंड सीसा शामिल हैं।
मुनाफे में है कंपनी
हिंदुस्तान जिंक का प्रॉफिट 30 जून 2025 (वित्त वर्ष 26) को समाप्त पहली तिमाही में साल-दर-साल (YoY) आधार पर 4.7% घटकर ₹2,234 करोड़ रह गया। कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में ₹2,345 करोड़ का लाभ दर्ज किया था।
वहीं जून तिमाही में इसका रेवेन्यू ₹7,771 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ₹8,130 करोड़ था, जो साल-दर-साल 4.4% की गिरावट है।
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