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    पहले Home loan चुकाएं या SIP में शुरू करें निवेश; किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा?

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 02:19 PM (IST)

    Home Loan Repayment vs SIP Investment होम लोन की अवधि आमतौर पर लंबी होती है। हर कोई चाहता है कि उन्हें जल्द से जल्द लोन से छुटकारा मिल जाए। आज हम जानेंगे कि अगर आपके पास मोटा फंड आ जाए तो इसे कहां निवेश करने से ज्यादा लाभ मिलेगा। इसे एसआईपी में निवेश करें या फिर इसे होम लोन चुकाकर ईएमआई कम करें।

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    Home loan चुकाएं या SIP में करें निवेश, किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा?

     बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज कोई भी महंगी वस्तु जैसे कार या घर खरीदने के लिए लोन का सहारा लेना पड़ता है। क्योंकि लोन लेने से आप वस्तु खरीद भी लेते है और इसका असर आपकी सेविंग पर नहीं पड़ता। हालांकि आपको घर या कार का अमाउंट के साथ ब्याज भी देना पड़ जाता है।

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    आमतौर पर होम लोन की अवधि लंबे समय के लिए होती है। हर कोई चाहता है कि उसकी ईएमआई कम हो जाए या लोन जल्द से जल्द पूरा हो। अगर आपके पास कही से एकमुश्त पैसे आते हैं, तो इससे कुछ हद तक होम लोन चुकाया जा सकता है। वहीं इन पैसों को एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश कर मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। लेकिन किसमें आपको ज्यादा फायदा मिलेगा?

    किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा?

    पहले लोन चुकाने पर क्या होगा?

    अगर आप कोई भी लोन अवधि पूरी होने से पहले चुकाते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको प्री-क्लोजर फीस चुकानी होगी। जिससे इनडायरेक्टली आपको ही नुकसान होगा। हालांकि लोन पेमेंट पूरी होने के बाद आप जो पैसा अब तक उधार चुकाने में लगा रहे थे। उसे कहीं और निवेश कर भविष्य के लिए मोटा फंड तैयार कर सकते हैं।

    इसके साथ ही आप लोन का कुछ प्रिंसिपल अमाउंट चुकाकर इसकी ईएमआई भी कम कर सकते हैं। लेकिन इसमें भी कई बैंक चार्ज या शुल्क लेते हैं। हालांकि इसे लेकर अलग-अलग बैंक के अलग-अलग नियम है।

    पहले SIP शुरू करने पर क्या होगा?

    अगर इन पैसों को लोन चुकाने की जगह म्यूचुअल फंड एसआईपी में लगाया जाता है। तो इन पैसों का इस्तेमाल आप भविष्य में लोन खत्म करने में कर सकते हैं। खासकर तब, जब आपके पास कम अमाउंट है। म्यूचुअल फंड में न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी होता है। वहीं इसमें कम्पाउंडिंग का फायदा भी मिलता है। इससे मुनाफा दोगुना हो जाता है।

    हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।

    उदाहरण से समझें 

    उदाहरण के लिए- राम नामक निवेशक सुरक्षित निवेश ज्यादा पसंद करता है। वहीं लोन की वजह से लंबे समय से परेशान है। इसलिए वे तय करता है कि वे स्कीम से मिले एकमुश्त पैसों का इस्तेमाल लोन का प्रीसिपल अमाउंट कम करने में करेगा। अब उसकी ईएमआई भी 3000 रुपये कम हो गई है।

    उदाहरण के लिए- शाम पहले से शेयर बाजार में निवेश करता है। उसे हाल ही में मार्केट में क नामक शेयर बेच अच्छा खासा मुनाफा होता है। वे तय करता है कि मिले हुए पैसों को एसआईपी में निवेश करेगा। जिससे वे मोटा फंड तैयार कर, इसे लोन चुकाने पर लगाएगा। 

    आपको इन दोनों में से किसमें ज्यादा मुनाफा मिलेगा। ये आपके व्यक्तिगत उद्देश्यों पर निर्भर करता है।

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