एक लीटर पेट्रोल-डीजल बेचने पर पेट्रोल पंप डीलर को कितना मुनाफा होता है? हैरान करेगी सच्चाई
पेट्रोल पंप (Petrol Pump Income) डीलरों को पेट्रोल और डीजल बेचने पर प्रति लीटर कितनी कमाई होती है। दिल्ली में 1 अगस्त 2025 के आंकड़ों के अनुसार पेट्रोल पर डीलर का कमीशन लगभग ₹4.40 प्रति लीटर है जबकि डीजल पर यह लगभग ₹3.03 प्रति लीटर है। डीलर कमीशन से ही पंप चलाने का खर्च निकालते हैं जिसमें बिजली कर्मचारियों की सैलरी और रखरखाव शामिल है।

नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि आखिर पेट्रोल पंप डीलर को हर लीटर पेट्रोल और डीजल बेचने पर कितनी कमाई (Petrol Pump Income) होती है। यदि नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे। यह पता करने के लिए हमने सरकारी तेल कंपनियों के जारी आंकड़ों पर रिसर्च की है। तो चलिए विस्तार से समझते हैं पंप डीलर को पेट्रोल और डीजल पर कितनी कमाई होती है।
पंप डीलर की पेट्रोल पर कितनी कमाई
यदि हम 1 अगस्त 2025 के दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की बेस कीमत की बात करें तो यह 52.83 रुपये थी। इसमें ₹0.24 का ट्रांसपोर्ट और फ्रेट चार्ज जोड़कर कंपनियां इसे डीलरों को ₹53.07 में बेचती हैं। इस मूल कीमत पर केंद्र सरकार ₹21.90 का उत्पाद शुल्क (Excise Duty) लगाती है, जबकि दिल्ली सरकार का वैट और उस पर भी लगने वाला टैक्स मिलाकर ₹15.40 जुड़ता है।
इन सबके अलावा, पेट्रोल पंप डीलर को औसतन ₹4.40 प्रति लीटर का कमीशन मिलता है। यानी (Petrol-Diesel Price) ₹94.77 की खुदरा कीमत में डीलर का हिस्सा केवल 4.6% ही है।
नोट- यह डेटा 1 अगस्त 2025 पर आधारित है |
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पंप डीलर की डीजल पर कितनी कमाई
डीजल के मामले में भी यही स्थिति देखने को मिलती है। फिर से दिल्ली में 1 अगस्त 2025 को एक लीटर डीजल के डेटा पर नजर डालें तो इसकी बेस कीमत ₹53.75 है। इसमें ₹0.26 का फ्रेट जोड़कर कंपनियां इसे डीलरों को ₹54.01 में बेचती हैं।
इस पर केंद्र सरकार ₹17.80 का उत्पाद शुल्क लगाती है और दिल्ली सरकार ₹12.83 का वैट (जिसमें डीलर कमीशन पर भी टैक्स शामिल है) वसूलती है। डीलर को इस पर औसतन ₹3.03 का कमीशन मिलता है। यानी ₹87.67 प्रति लीटर डीजल की कीमत में डीलर की कमाई का हिस्सा केवल 3.4% बैठता है।
इस डेटा से पता चलता है कि पेट्रोल पंप मालिकों की वास्तविक कमाई सिर्फ डीलर कमीशन से होती है। इस कमीशन में से उन्हें पंप को चलाने का खर्च जैसे बिजली, कर्मचारियों की सैलरी, रखरखाव, बैंक चार्ज और सुरक्षा उपायों को भी पूरा करना होता है। इसका मतलब है कि हर लीटर पर मिलने वाला 3-4 रुपये का कमीशन पंप मालिक के लिए उनकी कमाई होती है।
इस तरह ईंधन की कीमत का सबसे बड़ा हिस्सा टैक्स और चार्ज का होता है। पेट्रोल में केंद्र और राज्य के कर मिलाकर कुल कीमत का लगभग 40% हिस्सा बनाते हैं, जबकि डीजल में यह हिस्सा करीब 35% है। बेस प्राइस यानी रिफाइनरी से निकलने के बाद की कीमत और ट्रांसपोर्ट खर्च मिलाकर कुल कीमत का लगभग आधा हिस्सा बनता है।
सोर्स-IOCL पेट्रोल- डीजल
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