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    RBI फिर घटा सकता है रेपो रेट, महंगाई कम होने का दिखा असर; ICICI Bank की रिपोर्ट में दावा

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 07:09 PM (IST)

    आईसीआईसीआई बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कमजोर शहरी मांग और वैश्विक अनिश्चितता के कारण आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है। मौद्रिक नीति समिति अगस्त में 25 आधार अंकों की कमी कर सकती है क्योंकि महंगाई में कमी और विकास दर सुस्त है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से महंगाई के आंकड़े कम हैं।

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    RBI फिर घटा सकता है रेपो रेट, महंगाई कम होने का दिखा असर

    नई दिल्ली। आइसीआइसीआइ बैंक ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि कमजोर शहरी मांग और वैश्विक अनिश्चितता ने आरबीआइ के लिए रेपो रेट या नीति दरों में कटौती की संभावनाएं खोली हैं। अभी केंद्रीय बैंक डाटा-आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए तटस्थ स्थिति में है।

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    रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति भविष्य की ओर देख रही है। अगले वर्ष महंगाई के आंकड़े निम्न आधार के कारण उच्च होने की संभावना है, लेकिन कमजोर शहरी और अनिश्चित बाहरी मांग ने ढील देने की गुंजाइश खोली है।

    महंगाई में कमी और सुस्त विकास दर को देखते हुए आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अगस्त में नीति दर में 25 आधार अंकों की कमी कर सकती है।

    महंगाई हुई कम, खाद्य पदार्थों के दाम में आई कमी

    खाद्य पदार्थों के मूल्य में कमी के कारण महंगाई के आंकड़ों में धीमी गति बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में महंगाई दर एमपीसी के अनुमान से 20 आधार अंक कम रही है।

    दूसरी और तीसरी तिमाही में भी महंगाई दर एमपीसी के अनुमान से कम रहने की संभावना है। -1.1 प्रतिशत खाद्य महंगाई वार्षिक आधार पर पिछले सात वर्षों में सबसे कमजोर स्तर पर आ गई है।

    सब्जियों के दाम में गिरावट

    इसमें सब्जियों की कीमतों में 19 प्रतिशत की गिरावट शामिल है। इस वर्ष वर्षा सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है जिससे अनाज उत्पादन मजबूत रहने की उम्मीद है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट-अवधि में महंगाई के आंकड़े कम रहने की संभावना है, जबकि कोर महंगाई धीरे-धीरे बढ़ रही है। अमेरिका को निर्यात बढ़ रहा है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में निर्यात सुस्त है।