तरक्की की रफ्तार को बनाए रखेगा भारत, UBS ने रिपोर्ट में किया खुलासा; जानें किस रफ्तार से भागेगी GDP
वैश्विक निवेश बैंक यूबीएस के अनुसार भारत चालू वित्त वर्ष में 6-6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखेगा। मजबूत घरेलू मांग और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मदद मिलेगी। भारत वैश्विक व्यापार झटकों के प्रति कम संवेदनशील है क्योंकि उसका सेवा क्षेत्र मजबूत है। रेपो रेट में कटौती के बाद अब मौद्रिक संचरण बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।

नई दिल्ली। वैश्विक निवेश बैंक यूबीएस ने ताजा रिपोर्ट में भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर पॉजिटिव अनुमान लगया है। अपनी रिपोर्ट में बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में वार्षिक आधार पर भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6 से लेकर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि को बनाए रख सकता है।
अमेरिका की ओर से टैरिफ में हालिया तेजी के बावजूद इस वृद्धि में मजबूत घरेलू मांग और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का प्रमुख योगदान रहेगा।
भारत के के वस्तु व्यापार में जोखिम कम
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक व्यापार झटकों के प्रति कम संवेदनशील है। खासतौर पर उन एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जो अधिक निर्यात पर निर्भर हैं। भारत के वस्तु व्यापार में जोखिम कम है और उसके पास सेवाओं का एक मजबूत आधार है।
भारत के कुल निर्यात में सेवा की करीब 47 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कैलेंडर वर्ष 2025 में रेपो रेट में 100 आधार अंक या एक प्रतिशत की कटौती के बाद अब मौद्रिक संचरण बढ़ाने की नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश
रिपोर्ट के विश्लेषकों का कहना है कि यदि महंगाई कम रहती है और बाहरी जोखिम वृद्धि की गति को धीमा करते हैं, तो रेपो रेट में 25-50 आधार अंक की और कटौती की गुंजाइश बन सकती है।
बीते वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही है, जो अपेक्षाओं से अधिक है।
IMF ने भी भारत की अर्थव्यवस्था पर जताया भरोसा
मुख्य आर्थिक सलाहकार डा. वी. अनंत नागेश्वरन ने अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर भरोसा जताया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भारत को अगले दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान जताया है।
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