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    चीन को पछाड़ भारत बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स का हब, ECMS के तहत सरकार को मिले 8 हजार करोड़ रुपये के प्रपोजल

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 03:07 PM (IST)

    भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ( India electronic manufacturing news) की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस सेक्टर में ग्रोथ के लिए भारत सरकार कई तरह की स्कीम भी चला रही है। इसी कड़ी में 1 मई से Electronics Components Manufacturing Scheme (ECMS) के तहत भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी ने प्रपोजल आवेदन मांगे थे।

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    चीन को पछाड़ भारत बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स का हब

    नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब कहे जाने वाले चीन से बड़ी-बड़ी कंपनियां बोरिया बिस्तर बांध रही है। भारत को इसके विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। देश में इलेक्ट्रॉनिक्स को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार Electronics Components Manufacturing Scheme (ECMS) चला रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्कीम के तहत भारत सरकार को 8,000 करोड़ रुपये का प्रपोजल मिला है। बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती है।

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    इस योजना का लक्ष्य घरेलू और वैश्विक निवेश को आकर्षित करके एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण करना है ताकि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चैन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 22,919 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ECMS योजना को मंजूरी दी थी।

    भारत सरकार को मिले 8 हजार करोड़ रुपये के प्रपोजल

    मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी ने ECMS के तहत आवेदन मांगे थे। मंत्रालय को विदेशी और भारतीय कंपनियों ने 100 से अधिक प्रस्ताव भेजे। ये प्रस्ताव 7500 करोड़ रुपये से लेकर 8000 करोड़ रुपये तक के हैं। इन प्रस्तावों के तहत कंपनियां भारत में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट को बनाने के साथ उसे असेंबल भी करना चाहती हैं।

    भारत सरकार अगस्त के अंत या फिर सितंबर के शुरुआत से Electronics Components Manufacturing Scheme के तहत आने वाले प्रपोजल को स्वीकृत देना शुरू कर देगी।

    Electronics Components Manufacturing योजना ( ECMS scheme 2025) में लिथियम-आयन सेल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल और नॉन-सरफेस माउंट डिवाइस जैसे प्रमुख कंपोनेंट्स का निर्माण करना शामिल है। इसमें मोबाइल फोन, टैबलेट और बैटरी पैक में इस्तेमाल होने वाले कैपेसिटर, रेसिस्टर्स, इंडक्टर और पोटेंशियोमीटर जैसे बेयर कंपोनेंट भी शामिल हैं।